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Wednesday, May 21, 2025 4:59:31 PM

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कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन मुंबई में…

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कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन मुंबई में किया गया

बोर्ड ने आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर एक करोड़ पाठ्यक्रम नामांकन और 1,000 से ज्यादा पाठ्यक्रमों के दोहरे मील के पत्थर को स्वीकार किया   आईजीओटी के साथ ई-एचआरएमएस प्लेटफॉर्म का एकीकरण   तीन नए आपराधिक कानूनों पर पाठ्यक्रम की शुरुआत कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन श्री के. रामादोराई सुब्रमण्यम की […]

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अब एक चुनाव, एक उम्मीदवार!

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अब एक चुनाव, एक उम्मीदवार!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   मोदी जी ने क्या कुछ गलत कहा था? राहुल गांधी अमेठी से भागे हैं कि नहीं। अमेठी से भागकर बगल में रायबरेली में गए हैं, पर भागे तो हैं। भागने के लिए दूर जाना जरूरी थोड़े ही है, बगल में भी भागकर जाया जा सकता है।   और माना कि […]

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पोलिंग बूथों पर इतना सन्नाटा क्यों है?

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पोलिंग बूथों पर इतना सन्नाटा क्यों है?

रिपोर्ट  : बादल सरोज   अभी नौतपा शुरू नहीं हुआ है – तब तक तो लू भी चलना शुरू नहीं हुई थी, मगर इसके बाद भी इतनी उच्च तीव्रता की घन गरज के साथ हुए लोकसभा चुनावों के मध्यप्रदेश में अब तक हुए पहले दोनों चरणों में मतदाताओं का रुख चौंकाने वाला रहा है। पहले […]

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इस संविधान के प्रति संघ-भाजपा को इतनी नफरत क्यों है?

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इस संविधान के प्रति संघ-भाजपा को इतनी नफरत क्यों है?

 रिपोर्ट :   संजय पराते   वाजपेयी सरकार ने संविधान को बदलने की कोशिश की थी, लेकिन 2004 के चुनाव में हार गई। हमें सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि हिंदू वर्चस्ववादी ताकतों द्वारा फिर से इसी तरह का राग अलापा जा रहा है।   … भारत को एक स्वतंत्र संप्रभु गणराज्य बनाएं और भारत के सभी लोगों […]

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मुंह में अम्बेडकर, बगल में मनु का त्रिशूल

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मुंह में अम्बेडकर, बगल में मनु का त्रिशूल

रिपोर्ट : बादल सरोज   सामान्यतः होता यह है कि जब चुनाव चल रहे होते हैं, तब गुंडे – जिन्हें न जाने क्यों इन दिनों बाहुबली कहा जाता है – भी शराफत की भाव भंगिमा में दिखाने की हरचंद कोशिश करते हैं। लोककथाओं में लिखा है कि जंगल में भी हमेशा-हमेशा के लिए शाकाहारी हो […]

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कैसे घबराया साहिब, बात-बात पर डरता है!

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कैसे घबराया साहिब, बात-बात पर डरता है!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   शुक्रवार, 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के मतदान ने, संघ-भाजपा की कुशंकाओं की और बाकी सब के इसके व्यापक अनुमानों की पुष्टि कर दी है कि जिस मोदी लहर का इतना ढोल पीटा जा रहा था, वह तो खैर इस चुनाव में खोजे से भी नहीं मिलेगी, अलबत्ता इस […]

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मोदी राज में ग्रामीण मज़दूरों की दुर्दशा

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मोदी राज में ग्रामीण मज़दूरों की दुर्दशा

रिपोर्ट :   राजेंद्र शर्मा   अब तक अनेक शोधकर्ताओं द्वारा यह अच्छी तरह से साबित किया जा चुका है कि ग्रामीण भारत में मजदूरी की वास्तविक दरें, चाहे वह खेत मजदूरों का मामला हो या आम तौर पर ग्रामीण मजदूरों का, 2014-15 से 2022-23 के बीच, करीब-करीब जहां की तहां रुकी रही हैं। (देखिए, दास […]

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लोकतंत्र व चुनाव वाया मजदूर दिवस

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लोकतंत्र व चुनाव वाया मजदूर दिवस

न्यूनतम मजदूरी ₹300 से भी कम है,जबकि एक कप आभिजात्य कॉफी की कीमत भी इससे ज्यादा है।    किसान के एक दिन की कमाई ₹30 है जो कि एक अच्छी सिगरेट की कीमत से भी कम है।   सदा की तरह ये सारे चयनित जनसेवक भी लोकतंत्र का ‘पारस’ पत्थर घिसकर देखते ही देखते अमीर […]

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चुनाव आयोग द्वारा हो मतदान न करने वालों पर सजा का प्रावधान…

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चुनाव आयोग द्वारा हो मतदान न करने वालों पर सजा का प्रावधान – प्रदीप चौधरी

भाजपा के महानगर मीडिया प्रभारी प्रदीप चौधरी ने दूसरे चरण में उम्मीद और प्रयास से भी कम मतदान होने के उठते सवालों का जवाब देते हुए बताया कि मतदान कम हुआ है तो इसके कारण एक नहीं अनेक हैं। जिनमें से प्रमुख कारण एक घर परिवार एक डोर नम्बर के वोट 2 या दो से […]

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आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

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आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष  रिपोर्ट : संजय पराते   आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है| वैसे तो वर्ष 1920 में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की स्थापना के साथ हमारे देश में संगठित ट्रेड यूनियन आंदोलन की शुरूआत मानी जा सकती है, लेकिन इससे पहले 1908 की […]

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पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

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पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या खाकर मोदी जी का मुकाबला करेंगे। कहां मोदी जी की छप्पन इंच की छाती और कहां इनका इनका चिड़िया के बराबर का दिल; जोर की धमकी भी नहीं झेल पाएंगे। देख लीजिए, मोदी जी ने बांसवाड़ा से शुरू कर […]

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भारतीय संविधान और हिंदुत्व के पैरोकारों की अंतहीन बेचैनी

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भारतीय संविधान और हिंदुत्व के पैरोकारों की अंतहीन बेचैनी

रिपोर्ट : सुभाष गाताडे   लोकसभा चुनाव के प्रचार में कई भाजपा नेता संविधान बदलने के लिए बहुमत हासिल करने की बात दोहरा चुके हैं। उनके ये बयान नए नहीं हैं, बल्कि संघ परिवार के उनके पूर्वजों द्वारा भारतीय संविधान के प्रति समय-समय पर ज़ाहिर किए गए ऐतराज़ और इसे बदलने की इच्छा की तस्दीक […]

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सूरत मॉडल पे ही जा!

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सूरत मॉडल पे ही जा!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   भई, मोदी जी की ये बात हमारी समझ में तो नहीं आयी। बताइए, कामयाब सूरत मॉडल आने के बाद भी, बहनों और माताओं के मंगलसूत्र में ही अटके हुए हैं। नहीं, हम यह नहीं कह रहे हैं कि उन्हें इसका ख्याल कर के इस चक्कर से बचना चाहिए था कि […]

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सीएए पर गृह मंत्रालय का ‘पॉजि़टिव नैरेटिव’ झूठ और अर्द्ध-सत्य का घालमेल…

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सीएए पर गृह मंत्रालय का ‘पॉजि़टिव नैरेटिव’ झूठ और अर्द्ध-सत्य का घालमेल है

रिपोर्ट : सिद्धार्थ वरदराजन   केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के भेदभावपूर्ण होने के आरोपों का खंडन करने की कोशिश के तहत 12 मार्च को सवालों और जवाबों की एक सूची जारी की थी। यह दस्तावेज़ बेतुकेपन की मिसाल है। यह एक जैसे-तैसे तैयार किया दस्तावेज है, जिसमें असंभव दावे किए गए हैं […]

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लघु व्यंग कथाएं : विष्णु नागर

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लघु व्यंग कथाएं : विष्णु नागर

प्रभु : हे वत्स, चड्डी छोड़ पैंट क्यों धारण की? चडड्डीधारी : हे प्रभो, उन वस्त्र में शर्म आती थी, इसलिए त्याग दिया। प्रभु : जब अपने विचारों से शर्म आने लगे, तो उन्हें भी त्यागना मत भूलना। वैसे शर्म जल्दी तुम्हें आनेवाली नहीं। कल्याण भव!   प्रभु : तुम्हारी चड्डी इतनी घेरदार क्यों है? […]

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डगमग-डगमग होवै कुर्सी, धर्म को आगे करता है!

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डगमग-डगमग होवै कुर्सी, धर्म को आगे करता है!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   चुनाव के इकतरफा होने की संभावनाओं में गिरावट का यह रुझान देशव्यापी है। लेकिन, इसके साथ यह और जोड़ दें कि यह देशव्यापी रुझान सिर्फ इस पहले चरण तक ही सीमित रहे और आगे पलट जाए, इसके आसार भी कम ही हैं। 2019 और 2014 के भी चुनाव के मतदान […]

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सूरत : मोदी राज में लोकतंत्र की सीरत और वन नेशन, वन…

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सूरत : मोदी राज में लोकतंत्र की सीरत और वन नेशन, वन इलेक्शन के पीछे की नीयत

रिपोर्ट : बादल सरोज   सूरत में जो हादसा हुआ है, वह किसी भी सभ्य समाज और परिपक्व लोकतंत्र पर एक बदसूरत धब्बा है – इसलिए यह सिर्फ सूरत का हादसा नहीं है। जैसा कि अब तक लगभग सब जान चुके हैं कि इस संसदीय क्षेत्र के चुनाव अधिकारी, जो आम तौर से कलेक्टर होता […]

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व्हाट एन आइडिया सरजी!

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व्हाट एन आइडिया सरजी!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   आजमगढ़ वालों ने भी क्या नसीब पाया है! निरहुआ जी जैसी प्रतिभा को एक बार चुन ही नहीं चुके हैं, मोदी जी से ऐसी प्रतिभा को दोबारा चुनने का मौका भी झटक लाए हैं। हमें यकीन है कि वे 2019 वाली गलती हर्गिज नहीं दोहराएंगे और उन्हें चुनने का मौका […]

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बदलने भी दो यारो!

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बदलने भी दो यारो!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   ये विरोधी, मोदी जी का विरोध करने के लिए और कितने नीचे जाएंगे। बताइए, अब इसका भी विरोध कर रहे हैं कि दूरदर्शन समाचार का लोगो क्यों बदल दिया? और लोगो की लिखत बदली तो बदली, लोगो का रंग क्यों बदल दिया? और रंग भी बदला तो बदला, रंग लाल […]

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साहित्य में अतीत नही वर्तमान को लिखने पर हो जोर : ममता…

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साहित्य में अतीत नही वर्तमान को लिखने पर हो जोर : ममता कालिया

हिन्दू कालेज में सिंपोजियम का वार्षिकोत्सव    दिल्ली। अतीत में जाकर लिखना आसान होता है किन्तु लेखक को अतीत नहीं बल्कि वर्तमान को लिखने पर जोर देना चाहिए। लेखन स्त्री के प्रश्नों का हो या जीवन के दूसरे सवाल,अच्छे लेखक को हमेशा अतिवादिता से बचना चाहिए। सुप्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया ने उक्त विचार हिंदू महाविद्यालय […]

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मोदी की गारंटी : भाजपा की जगह मोदी, लोकतंत्र की जगह तानाशाही

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मोदी की गारंटी : भाजपा की जगह मोदी, लोकतंत्र की जगह तानाशाही

रिपोर्ट : बादल सरोज मतदान की शुरुआत होने में जब महज पांच दिन बचे थे तब कहीं जाकर मौजूदा सत्ता पार्टी भाजपा ने अपना “चुनाव घोषणापत्र” जारी किया। उपभोक्ताओं को लुभाने वाली मार्केटिंग की शैली में लिखे चुस्त खोखले संवादों, अनुपलब्धियों और विफलताओं को शब्दजाल में गोल-गोल घुमाकर बनाई गयी भूलभुलैया में छुपाने की भरसक […]

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देश का खजाना किसे सौंपना है ध्यान से निर्णय करना: शाह

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देश का खजाना किसे सौंपना है ध्यान से निर्णय करना: शाह

कोटा में लोकसभा प्रत्याशी ओम बिरला के समर्थन में आयोजित जनसभा में बोले गृह मंत्री बीजेपी का विजय संकल्प महा सम्मेलन सम्पन्न 80 करोड़ लोगों को मिल रहे 5 किलो अनाज को पीएम मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया कोटा। कोटा में शनिवार को बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार ओम बिरला के समर्थन में ‌आयोजित विजय […]

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बस सच की पर्देदारी है

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बस सच की पर्देदारी है

रिपोर्ट : राजेन्द्र शर्मा   अठारहवीं लोकसभा के करीब पौने दो महीने लंबे चुनाव के पहले चरण का ही चुनाव प्रचार अभी थमा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपनी चुनाव सभाओं में धर्म की दुहाई का सहारा लिए जाने की शिकायतों के चुनाव आयोग में ढेर लग चुके हैं। संक्षेप में इन शिकायतों का सार […]

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सीएए : एक क़ानून धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक संविधान के ख़िलाफ़

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सीएए : एक क़ानून धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक संविधान के ख़िलाफ़

रिपोर्ट : शमसुल इस्लाम   भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लागू हो गया है।   नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए), जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से (31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले) धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हुए भारत में आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, इसाईयों […]

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संस्कारी भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार नहीं होता!

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संस्कारी भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार नहीं होता!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा देखी, देखी, इन विपक्षियों की चंटई देखी। मोदी जी को भ्रष्ट भी कह रहे हैं। और अगर ईडी-सीबीआइ-आइटी पूछें, तो झट कह देंगे कि हमने कब मोदी जी को भ्रष्ट कहा है। तमिलनाडु वाले स्टालिन साहब कह रहे हैं कि अगर देश में भ्रष्टाचार की कोई यूनिवर्सिटी खुली, तो मोदी जी […]

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मतदान का एक आधार प्रेस की आजादी भी होना चाहिए

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मतदान का एक आधार प्रेस की आजादी भी होना चाहिए

रिपोर्ट : बादल सरोज   18वीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए मतदान शुरू होने वाला है। सभी – यहाँ तक कि जो खुद को सबसे सुरक्षित और पुरयकीन दिखा रहे हैं, वे सत्तासीन भी – मानते हैं कि ये चुनाव आसान नहीं हैं, देश के भविष्य के लिए तो बिलकुल भी आसान नहीं हैं। लोकतंत्र […]

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लोकतंत्र का गहराता संकट और संघ-भाजपा की ख़तरनाक पदचापें

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लोकतंत्र का गहराता संकट और संघ-भाजपा की ख़तरनाक पदचापें

रिपोर्ट : जवरीमल्ल पारख   इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यह दौर आज़ादी के बाद का सबसे संकटपूर्ण और चुनौती भरा दौर है। न केवल आर्थिक क्षेत्र गहरे संकट में हैं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र भी गहरे संकट में हैं। धर्म के नाम पर जिस तरह एक पूरे वर्ग को […]

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अब एक देश, एक आहार!

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अब एक देश, एक आहार!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा बेचारे मोदी जी ने बार-बार बताया है कि वह जो भी करते हैं, देश के लिए करते हैं। और देश में भी खासतौर पर उसकी एकता के लिए करते हैं। फिर भी विरोधी हैं कि विरोध करने से बाज नहीं आते हैं। ऊधमपुर में मोदी जी ने अपनी चुनाव सभा में […]

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