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Monday, May 12, 2025 6:21:44 AM

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सांप्रदायिक ढलान पर लुढ़कते हुए

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सांप्रदायिक ढलान पर लुढ़कते हुए

विक्रमी संवत के नव-वर्ष के हिंदू नव वर्ष होने के दावे के साथ, निजी तौर पर तो नहीं, पर सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों की जैसी बाढ़ इस बार देखने को मिली, इससे पहले कभी देखने को नहीं मिली थी। गांधी के बंदर बनकर, हर बुराई से आंख मींच लेने और हर चीज में सिर्फ […]

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तेल की मार देख!

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तेल की मार देख!

हम पूछते हैं कि ये मोदी जी के विरोधी और कहां तक गिरेंगे! बताइए, मोदी जी के विरोध में एकदम अंधे ही हुए जा रहे हैं। विरोध के अंधे को सिर्फ काला ही काला नजर आता है। रौशनी दिखाई ही नहीं देती है। अब मोदी जी ने पूरे तेरह दिन में, कुल ग्यारह बार में […]

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समय की घड़ी पीछे घुमाने अब गीता का सहारा

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समय की घड़ी पीछे घुमाने अब गीता का सहारा

अब वे कुछ ज्यादा ही जल्दी में हैं। कश्मीर फाइल्स के नाम पर देश भर में तनाव भड़काने के लिए उन्होंने अपने सारे गधे, घोड़े और खच्चर छोड़ दिए। अपनी राज्य सरकारों की तरफ से इस अति हिंसक, झूठी और भड़काऊ राजनीतिक पोर्नोग्राफी को देखने-दिखाने के लिए अनेक प्रलोभन दिए। सिनेमा के हर शो में […]

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किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी ‘जीत’ की रक्षा

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किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी ‘जीत’ की रक्षा

हमारे देश में एक बहुत ही प्रचलित कहावत है — चोर चोरी से जाए पर हेरा फेरी से नहीं। ऐसा ही कुछ हाल केंद्र में भाजपा सरकार का है। हालाँकि सरकार की कारगुज़ारी इस कहावत से कहीं गहरी, सोची-समझी और योजनाबद्ध है, केवल आदतन नहीं है। कॉर्पोरेट और पूंजीपतियों के लिए नीतियां बनाना सरकार की […]

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मुस्कुराहट वाला नफ़रती बोल, नफ़रती नहीं होता

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मुस्कुराहट वाला नफ़रती बोल, नफ़रती नहीं होता

मोदी जी के विरोधी बार-बार उनके सामने हार जाते हैं — पता है क्यों? उनके विरोध में सकारात्मकता नहीं है। उनके पास तेल के दाम से लेकर ईवीएम के खेल तक, शिकायतें तो खूब हैं, पर किसी नये इंडिया का विजन ही नहीं है। विजन होता तो मोदी जी के विरोधी कम से कम एक […]

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मजदूर हड़ताल का संदेश : एक धक्का और दो!

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मजदूर हड़ताल का संदेश : एक धक्का और दो!

देश भर में करोड़ों मजदूरों की दो दिन की हड़ताल और उसके साथ-साथ देश के बड़े हिस्से में किसानों तथा खेत मजदूरों के ग्रामीण बंद के प्रति मोदी सरकार के लगभग पूरी तरह से अनदेखा ही करने की मुद्रा अपनाने की वजह समझना जरा भी मुश्किल नहीं है। देश के शहरी और ग्रामीण मेहनतकशों की […]

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मन की बात में तेल की बात

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मन की बात में तेल की बात

मोदी जी के विरोधी बिल्कुल ही पगला गए हैं क्या? बताइए, अब कह रहे हैं कि मोदी जी मन की बात में तेल, रसोई गैस वगैरह के दाम की बात क्यों नहीं करते? पैट्रोल-डीजल के दाम छ: दिन में पांच-पांच बार बढ़े हैं, मोदी जी को वह क्यों नहीं दिखाई दिया। कम से कम रसोई […]

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भोपालियों के बहाने : अविवेकी फतवे से विवेक न खोयें प्लीज!

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भोपालियों के बहाने : अविवेकी फतवे से विवेक न खोयें प्लीज!

एक स्टुपिड, मीडियाकर, उथला व्यक्ति भोपाल के बारे में कोई भी झाड़ूमार बयान झाड़ दे, यह बेहूदगी है, यह उसका अज्ञान और मूर्खों की संगत से हासिल बड़े वाला ओवरकॉन्फीडेंस है। विवेक रंजन अग्निहोत्री का भोपाल के बारे में बोला गया कथन कि “भोपाल समलैंगिकों का शहर है” सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए दिया गया […]

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कश्मीर घाटी के पहले विस्थापित की अपील : अब बस करो —…

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कश्मीर घाटी के पहले विस्थापित की अपील : अब बस करो — जो भी मरा वह कश्मीरी था, आंसुओं को बाँटकर उनका सौदा करना बंद करो

यह मोहम्मद युसूफ तारिगामी की अपील है। तारिगामी, जिन्हें आतंकियों ने सबसे पहले 1989 में घाटी से बाहर जाने को मजबूर किया। तारिगामी, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की लड़ाई सबसे पहले लड़ी। तारिगामी, जिन्होंने अपने ससुर और भतीजे सहित अपने घर के आधा दर्जन परिजनों की शहादत देखी। मोहम्मद युसूफ तारिगामी चार बार विधायक […]

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सुंदरता का पता नहीं, लेकिन अच्छे दिन देखने वाले की आंखों में…

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सुंदरता का पता नहीं, लेकिन अच्छे दिन देखने वाले की आंखों में बसते हैं

इंडिया यहीं तो मार खा जाता है। माना कि आठ साल पहले मोदी जी ने अच्छे दिन लाने का प्रॉमिस किया था, जरूर किया था। लेकिन, उसके बाद आठ साल में मोदी जी ने पब्लिक को क्या-क्या ऑफर नहीं दिया है। स्वच्छ भारत भी। मेक इन इंडिया भी। न्यू इंडिया भी। स्वस्थ भारत भी। पांच […]

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हरियाणा से कोलकाता होते हुए मध्यप्रदेश तक : निशाने पर क्यों हैं…

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हरियाणा से कोलकाता होते हुए मध्यप्रदेश तक : निशाने पर क्यों हैं महिलायें!!

दुनिया के साथ जम्बू द्वीपे रेवा खण्डे इंडिया दैट इज भारत की औरतें जब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियों में जुटी थीं, ठीक उस वक़्त हरियाणा के पंचकूला में उनकी माँ, बहिनों और बेटियों को बाल खींच कर घसीट-घसीट कर खदेड़ा जा रहा था। गिरफ्तार कर आलू की बोरियों की तरह पुलिस की गाड़ियों […]

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आपदा में अवसर’ का भौंडा तमाशा

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आपदा में अवसर’ का भौंडा तमाशा

कोविड की महामारी के संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आपदा में अवसर’ खोजने-बनाने का जो आह्वान किया था, उसके पूरे अर्थ अभी खुल ही रहे हैं। फिर भी यूक्रेन-रूस युद्घ के बीच फंस गए करीब बीस हजार भारतीयों को, जिनमें से अधिकांश खारकीव, कीव, सुमी आदि यूक्रेन के प्रमुख शिक्षा केंद्रों में मेडीकल व […]

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शिवरात्रि पर स्वामी दयानंद की कथा और आर्य समाज की शोकांतिका!!

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शिवरात्रि पर स्वामी दयानंद की कथा और आर्य समाज की शोकांतिका!!

शिव का व्यक्तित्व हमेशा आकर्षित करता है। वे अकेले अनार्य देवता है, जिनकी ठसक इतनी जोरदार और आदिम समाज के जमाने से जमी जड़ें इतनी मजबूत थी कि लिखा-पढ़ी में उनकी निंदा और भर्त्सना करने वाले आर्यों को भी उन्हें न केवल स्वीकार करना पड़ा, बल्कि महा-देव की पदवी देने के लिए भी मजबूर होना […]

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गोबर-धन को आने दो!

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गोबर-धन को आने दो!

आवश्यकता आविष्कार की जननी है, बचपन से सुनते-पढ़ते आए थे। स्कूल में निबंध भी लिखा था। पर छोटी बुद्धि — हमेशा ज्यादा जोर इसी पर रहा कि आवश्यकता नहीं हो, तो आविष्कार भी पैदा नहीं होगा। कभी बड़ा सोचा होता, तो कम से कम दिल से इसके लिए तैयार होते कि आवश्यकता ऐसे-ऐसे आविष्कार भी […]

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अम्बानी-अडानी की पूजा के आव्हान के पीछे क्या है?

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अम्बानी-अडानी की पूजा के आव्हान के पीछे क्या है?

राज्यसभा में भाजपा के सांसद के जे एल्फोन्स साहब ने अम्बानी और अडानी की पूजा करने का आव्हान किया है। वे देश में रिकॉर्ड तोड़ती बेरोजगारी पर संसद में हुयी बहस में हिस्सा लेते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अम्बानी और अडानी अगर कमाई कर रहे हैं, तो नौकरियाँ भी तो पैदा कर […]

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कर्नाटक के हिजाब घटना की ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन द्वारा कड़ी निंदा

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कर्नाटक के हिजाब घटना की ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन द्वारा कड़ी निंदा

कर्नाटक में मुस्लिम छात्राएं  हिजाब पहनती रही हैं और कक्षाओं में भाग लेती रही हैं। लेकिन अब वहाँ हिजाब पहने मुस्लिम छात्राओं को स्कूल मे नहीं आने दिया जा रहा। भगवा स्कार्फ पहने और जय श्री राम के नारे लगा रहा लड़कों के झुंड कॉलेज मे छात्राओं के आने का विरोध कर रहे हैं।अल्पसंख्यक समुदाय को […]

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फासिस्टी मनोरोग के एप्प्स : बुल्लीबाई और सुल्ली डील्स

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फासिस्टी मनोरोग के एप्प्स : बुल्लीबाई और सुल्ली डील्स

नए साल की शुरुआत हिन्दुस्तानी फासिस्टों के एक और घिनौने कर्म के उजागर होने के साथ हुयी। जनवरी की पहली तारीख को ही सोशल मीडिया के जरिये जहरीले काम कर रहा “बुल्ली बाई” एप्प पकड़ा गया। यह अपराध तब सामने आया, जब कुछ मुस्लिम महिलाओं ने यह पाया कि एक एप्प के जरिये उनकी “नीलामी” […]

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हरिद्वार से चंपावत से रायपुर तक : बेनकाब होता हिन्दुत्व

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हरिद्वार से चंपावत से रायपुर तक : बेनकाब होता हिन्दुत्व

हरिद्वार के अधर्म हिन्दुत्वी जमावड़े में जो हुआ और भिन्न तीव्रता के साथ जिसे छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुयी ऐसी एक शोर भरी जमावट में दोहराया गया, वह आजाद भारत में अभूतपूर्व और असाधारण बात है। हरिद्वार में “उनकी जनसंख्या को हमें खत्म करना है।”, “अगर हम सौ सैनिक बन गए और इनके 20 लाख […]

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किसान आंदोलन : अन्त नहीं, आरम्भ

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किसान आंदोलन : अन्त नहीं, आरम्भ

रिपोर्ट : बादल सरोज 11 दिसम्बर को सारे डेरे, तम्बू समेट कर सिंघु बॉर्डर से किसानो का आख़िरी जत्था भी नाचते-गाते अपने-अपने घरों के लिए वापस लौट गया। कोई 380 दिन के अनवरत चले पड़ाव का सुखद विजयी स्थगन जीत के उल्लास में साफ़ दिखाई दे रहा था। हठी के अहंकार को तोड़ने का विजयोल्लास […]

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मंडियों में समर्थन मूल्य सुनिश्चित करें सरकार : किसान सभा

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मंडियों में समर्थन मूल्य सुनिश्चित करें सरकार : किसान सभा

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मंडियों में धान की गिरती कीमतों के मद्देनजर राज्य की कांग्रेस सरकार से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करने की मांग की है। आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है […]

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65 साल बाद भी जीवंत और प्रासंगिक बाबा साहब

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65 साल बाद भी जीवंत और प्रासंगिक बाबा साहब

1956 में – 6 दिसंबर को – नहीं रहे थे बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर। मगर कमाल का ही है उनका व्यक्तित्व और कृतित्व, जिसके चलते वे आज साढ़े छः दशक बाद भी न सिर्फ जीवंत और प्रासंगिक है, बल्कि एजेंडा निर्धारित कर कर रहे हैं। उन्हें विशेष रूप से याद करने के अनेक कारण […]

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वे तो शहीद हुए हैं, मरा तो कुछ और है!! –कृषि मंत्री…

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वे तो शहीद हुए हैं, मरा तो कुछ और है!! –कृषि मंत्री के चुनिंदा स्मृति-लोप की क्रोनोलॉजी

तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिए लड़ते-लड़ते किसान आंदोलन में शहीद हुए सातेक सौ किसानों के बारे में संसद में दिए जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि : “कृषि मंत्रालय के पास इस बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में वित्तीय सहायता देने का सवाल नहीं उठता।” […]

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कॉर्पोरेट विरोधी संयुक्त संघर्ष की ऐतिहासिक जीत! 700 से अधिक किसानों की…

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कॉर्पोरेट विरोधी संयुक्त संघर्ष की ऐतिहासिक जीत! 700 से अधिक किसानों की शहादत के लिए नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार जिम्मेदार, सब कुछ याद रखा जाएगा : किसान सभा

अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली अहंकारी भाजपा सरकार को हार स्वीकार करने और तीन किसान विरोधी, जन विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके लिए किसान सभा देश के उन लाखों किसानों, खेत मजदूरों और कामगारों […]

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भारत नेपाल सीमा खुलने से गुलजार होने लगे हैं नेपालगंज के कैसिनो

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भारत नेपाल सीमा खुलने से गुलजार होने लगे हैं नेपालगंज के कैसिनो

रुपईडीहा बहराइच। कोरोना महामारी के कारण लगभग डेढ़ वर्ष से नेपाल के बांके जिले के नेपालगंज के अधिकांश कैसिनो बंद चल रहे थे।अब भारत नेपाल सीमा खुलने के कारण भारतीय पर्यटकों से नेपालगंज के कैसिनो गुलजार हो रहे हैं। भारतीय पर्यटकों के सुलभ आवागमन के कारण नेपालगंज सहित नेपाल के विभिन्न शहरों में कैसिनो का […]

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राष्ट्र को समर्पण या आत्मसमर्पण? : सरकारी आयुध निर्माणियों की सेल की…

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राष्ट्र को समर्पण या आत्मसमर्पण? : सरकारी आयुध निर्माणियों की सेल की धूर्तता पर गर्व का गरबा करते मोदी

प्रचलन में यह है कि दशहरे के दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा होती है। मगर जैसा कि विश्वामित्र कह गए हैं : “कलियुग में सब उलटा पुलटा हो जाता है।” वही हो रहा है। इस दशहरे पर मोदी जीno – हिन्दू धर्म के स्वयंभू संरक्षक मोदी जी, राष्ट्रवाद की होलसेल डीलरशिप लिए बैठे संघ के प्रचारक […]

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गांधी को समझना है, तो उन्हें भी उस समय की परिस्थितियों के…

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गांधी को समझना है, तो उन्हें भी उस समय की परिस्थितियों के साथ जोड़कर देखना होगा

गाँधी का देशकाल *(गांधी जयंती पर बादल सरोज का विशेष आलेख)* *एक* किसी भी व्यक्ति या विचार का मूल्यांकन करने का सही तरीका उसे उसके देश-काल में – टाइम एंड स्पेस में – बांधकर समझना है। गांधी को समझना है, तो उन्हें भी उस समय की परिस्थितियों के साथ जोड़कर देखना होगा। गांधी की एक […]

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खेतिहर समाज संकट की जकड़ में : डॉ. अशोक ढवले

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खेतिहर समाज संकट की जकड़ में : डॉ. अशोक ढवले

अखिल भारतीय किसान सभा देश का सबसे बड़ा किसान संगठन है तथा पिछले तीन दशकों में पूरे देश में किसान आंदोलन के विस्तार में उसका अभूतपूर्व योगदान है। डॉ. अशोक ढवले किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तथा आज वे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख चेहरों में गिने जाते हैं। भारत के किसानों को सशक्त […]

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अल्ला हू अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के युग्म से इतना क्यों…

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अल्ला हू अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के युग्म से इतना क्यों डर गए हुक्मरान?

5 सितम्बर के मुज़फ्फरनगर के इतवार की खासियतें इस बार कारपोरेट गोदी मीडिया के एक हिस्से को भी दर्ज करनी पड़ी। लगभग हरेक ने माना कि पिछली 25 वर्षों में — जबसे इस इलाके में किसानों के बड़े-बड़े जमावड़ों की शुरुआत हुयी है — यह सबसे बड़ी रैली थी। संयुक्त किसान मोर्चे ने ठीक ही […]

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