
रिपोर्ट : बादल सरोज 1 से 3 मार्च तक भारत ने जो देखा, वह एक धनकुबेर द्वारा अपने वैभव का अश्लील मुजाहिरा ही नहीं था, बल्कि अपनी सम्पन्नता की विपुलता का सहारा लेकर देश की सभ्यता और उसमे बसी मनुष्यता के प्रति हिकारत का सार्वजनिक प्रदर्शन भी था। इसी के साथ उद्दंडता के साथ […]
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