Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Friday, May 9, 2025 1:06:11 AM

वीडियो देखें

चन्दन पांडेय को स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान , उपन्यास कीर्तिगान का सम्मान के लिए चयन 

चन्दन पांडेय को स्वयं प्रकाश स्मृति सम्मान ,  उपन्यास कीर्तिगान का सम्मान के लिए चयन 

दिल्ली। 15 सितंबर 2023 साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास’ ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्वयं प्रकाश की स्मृति में दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान की घोषणा कर दी है। न्यास द्वारा जारी विज्ञप्ति में डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में इस बार उपन्यास विधा के लिए सुपरिचित कथाकार चन्दन पांडेय के उपन्यास कीर्तिगान को दिया जाएगा। 

सम्मान के लिए तीन सदस्यी निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से इस संग्रह को वर्ष 2023 के लिए चयनित करने की अनुशंसा की है। निर्णायक मंडल के वरिष्ठतम सदस्य काशीनाथ सिंह (वाराणसी) ने अपनी संस्तुति में कहा कि यह उपन्यास एक युवा कथाकार की बड़ी संभावनाओं को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि उनका लेखन हमारे देशकाल के जटिल और मनुष्यविरोधी यथार्थ का सम्यक उद्घाटन करता है। निर्णायक मंडल के दूसरे सदस्य कवि-कथाकार राजेश जोशी (भोपाल) ने संस्तुति में कहा कि चन्दन पांडेय का गद्य लेखन स्वयं प्रकाश के सरोकारों और संकल्पों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि कहानी के बाद अपने दो उपन्यासों से चन्दन ने अपने लेखन की प्रतिबद्धता दर्शाई है। तीसरे निर्णायक कवि-गद्यकार प्रियदर्शन (दिल्ली) ने चन्दन पाण्डेय के उपन्यास कीर्तिगान की अनुशंसा में कहा कि हमारे समकालीन मुद्दों और विडम्बनाओं को यह उपन्यास सम्बोधित करता है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि मूलत: राजस्थान के अजमेर निवासी स्वयं प्रकाश हिंदी कथा साहित्य के क्षेत्र में मौलिक योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ढाई सौ के आसपास कहानियाँ लिखीं और उनके पांच उपन्यास भी प्रकाशित हुए थे। इनके अतिरिक्त नाटक,रेखाचित्र, संस्मरण, निबंध और बाल साहित्य में भी अपने अवदान के लिए स्वयं प्रकाश को हिंदी संसार में जाना जाता है। उन्हें भारत सरकार की साहित्य अकादेमी सहित देश भर की विभिन्न अकादमियों और संस्थाओं से अनेक पुरस्कार और सम्मान मिले थे। उनके लेखन पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुआ है तथा उनके साहित्य के मूल्यांकन की दृष्टि से अनेक पत्रिकाओं ने विशेषांक भी प्रकाशित किए हैं। 20 जनवरी 1947 को इंदौर में जन्मे स्वयं प्रकाश का निधन कैंसर के कारण 7 दिसम्बर 2019 को हो गया था। लम्बे समय से वे भोपाल में निवास कर रहे थे और यहाँ से निकलने वाली पत्रिकाओं ‘वसुधा’ तथा ‘चकमक’ के सम्पादन से भी जुड़े रहे।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि जनवरी में आयोज्य समारोह में उपन्यासकार चन्दन पांडेय को सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किये जाएंगे। इस सम्मान के लिए देश भर से बड़ी संख्या में प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थीं जिनमें से प्राथमिक चयन के बाद पाँच उपन्यासों को निर्णायकों के पास भेजा गया। साहित्य और लोकतान्त्रिक विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए गठित स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास में कवि राजेश जोशी(भोपाल), आलोचक दुर्गाप्रसाद अग्रवाल (जयपुर). कवि-आलोचक आशीष त्रिपाठी (बनारस), आलोचक पल्लव (दिल्ली), इंजी अंकिता सावंत (मुंबई) और अपूर्वा माथुर (दिल्ली) सदस्य हैं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *