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Thursday, March 20, 2025 2:33:00 PM

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दूसरी बार विधायक बने नागर को राज्यमंत्री‌का स्वतंत्र प्रभार ,रामगंजमंडी विधायक दिलावर को बनाया कैबिनेट मंत्री

दूसरी बार विधायक बने नागर को राज्यमंत्री‌का स्वतंत्र प्रभार ,रामगंजमंडी विधायक दिलावर को बनाया कैबिनेट मंत्री

राजस्थान सरकार के मंत्री मंडल में कोटा जिले से दो विधायकों के मिला मौका

कोटा। राजस्थान में शनिवार को बहु प्रतीक्षित मंत्री मंडल का गठन हो गया। शनिवार को शपथ लेने वाले 22 मंत्रियों में से कोटा जिले से मात्र दो विधायकों को मौका मिला है।

जानकारी के अनुसार सांगोद विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने हीरालाल नागर को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार तथा रामगंजमंडी विधायक को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मदन दिलावर छठी बार विधायक बने हैं। 1990 से 2008 तक बारां की अटरू सीट से 4 बार लगातार विधायक रहे। इस दौरान दो बार बीजेपी की सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे। साथ ही 2003 से 2008 तक सहकारिता विभाग का भी जिम्मा संभाला। साल 2018 में दिलावर कोटा की रामगंजमंडी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भी दिलावर ने जीत हासिल की। मदन दिलावर शुरुआत से ही संघ से जुड़े रहे। उनकी पहचान हिंदूवादी चेहरे के रूप में रही है। उन्होंने ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए कार सेवा में सक्रिय भागीदारी निभाई। श्री राम मंदिर निर्माण व कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने तक माला नहीं पहनने व जमीन पर ही सोने का संकल्प ले रखा है। संघ का प्रभाव होने के कारण वोटों के ध्रुवीकरण के लिए अकसर अल्पसंख्यकों के खिलाफ विवादित बयान देते रहते हैं। सुकेत कस्बे में कई बार दंगे भड़काने की कोशिश कर चुके हैं। गलत व भड़काऊ टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं।

वहीं‌ हीरालाल नागर दूसरी बार विधायक बने हैं। इससे पहले साल 2013 से 18 तक सांगोद से ही विधायक रहे। साल 2018 में हीरालाल चुनाव हार गए थे। साल 2023 में बीजेपी ने फिर से उन पर भरोसा जताया। नागर ओबीसी वर्ग से आते हैं। उनके पिता चंदालाल नागर 10 साल तक नगर पालिका अटरू जिला बारां के चेयरमैन रहे। चाचा चतुर्भुज वर्मा 1977 से 84 तक झालावाड़ से सांसद रहे। फिर 1989 से 92 तक खानपुर सीट (झालावाड़) से विधायक रहते हुए सहकारिता मंत्री रहे। बहनोई नरेंद्र नागर खानपुर से विधायक रहे हैं। साल 2023 में चुनाव हार गए। 1978 से 80 तक दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दक्षिण दिल्ली विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी निभाई।

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