साथियों ने पार्थिक देह को लाल झंडा समर्पित कर सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
-आधी सदी तक मजदूरों और किसानों के लिए करते रहे संघर्ष
कोटा के 93 वर्षीय बुजुर्ग वामपंथी नेता कामरेड आरपी तिवारी का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार कोटा के किशोरपुरा मुक्तिधाम में हुआ।
कामरेड विजय शंकर झा, जनकवि कामरेड महेंद्र नेह, कामरेड महेंद्र पांडे, कामरेड दिनेश राय द्विवेदी, कामरेड नारायण शर्मा, कामरेड राजेंद्र कुमार ने क्रांतिकारी नारों के साथ उनकी पार्थिक देह को लाल झंडा समर्पित कर सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।उनकी अंतिम विदाई के समय विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और साहित्यिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। कामरेड आरपी तिवारी लगभग 5 दशक तक वामपंथी विचारधारा का समर्थन करते हुए मजदूरों और किसानों के लिए संघर्षरत रहे। आधी शताब्दी के राजनीतिक सफर में कामरेड आरपी तिवारी भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड) के प्रदेश सेक्रेट्रिएट सदस्य रहे। अखिल भारतीय किसान फेडरेशन के संस्थापक सदस्य, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के स्टेट मेंबर रहते हुए कामरेड आरपी तिवारी ने विभिन्न जन आंदोलनों में अपनी भागीदारी निभाई। कामरेड आरपी तिवारी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं। उनके तीन पुत्र, दो पुत्रियां, पोता, पोती हैं। कामरेड आरपी तिवारी कोटा डीसीएम फैक्ट्री के पावर हाउस टर्बाइन में कार्य करते थे। इस दौरान मजदूरों के लिए संघर्ष करते हुए उन्हें फैक्टरी प्रशासन ने निष्कासित कर दिया था। इसके बावजूद उनका मनोबल कभी नहीं टूटा और वह जीवन के अंतिम पड़ाव तक मजदूरों और किसानों के लिए संघर्ष करते रहे। बाद में उन्होंने जनरल इंश्योरेंस में इन्वेस्टिगेटर के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं।
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