
रिपोर्ट : : सुभाष गाताडे “आज भारतीय दो विचारधाराओं से संचालित होते हैं। संविधान की प्रस्तावना में निर्धारित उनका राजनीतिक आदर्श स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के जीवन की पुष्टि करता है, जबकि उनके धर्म में निहित उनका सामाजिक आदर्श उन्हें इससे वंचित करता है।” (संदर्भ : अम्बेडकर : जीवन और मिशन — धनंजय कीर, पृष्ठ […]