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Tuesday, May 20, 2025 12:39:44 AM

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मानहानि मामले में भाजपा नेता ने माफी मांगी

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मानहानि मामले में भाजपा नेता ने माफी मांगी

तिरुवनंतपुरम (केरल)। मानहानि के एक मामले में केरल के भाजपा नेता बी. गोपालकृष्णन ने माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री पी.के. श्रीमती टीचर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए हाईकोर्ट में पेश होने के बाद माफी मांगी है।   उल्लेखनीय है कि एक टीवी चर्चा के दौरान भाजपाई […]

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मानहानि मामले में भाजपा नेता ने माफी मांगी

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मानहानि मामले में भाजपा नेता ने माफी मांगी

तिरुवनंतपुरम (केरल)। मानहानि के एक मामले में केरल के भाजपा नेता बी. गोपालकृष्णन ने माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री पी.के. श्रीमती टीचर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए हाईकोर्ट में पेश होने के बाद माफी मांगी है।   उल्लेखनीय है कि एक टीवी चर्चा के दौरान भाजपाई […]

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न्यायपूर्ण परिसीमन की लड़ाई

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न्यायपूर्ण परिसीमन की लड़ाई

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   हैरानी की बात नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी करनियों और अकरनियों से इस देश की राजनीतिक व्यवस्था में उत्तर और दक्षिण के पुराने विभाजन को फिर से भड़का दिया है। जैसा कि हमने इससे पहले एक लेख में जिक्र किया था, इस विभाजन को बढ़ाने का काम […]

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भावी केरल के विकास का रोडमैप है वर्ष 2025-26 का बजट

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भावी केरल के विकास का रोडमैप है वर्ष 2025-26 का बजट

रिपोर्ट  : संजय पराते   केरल के 2025-26 के बजट में 2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने का अनुमान है और इसके बराबर ही राशि के व्यय का प्रस्ताव है।   इसका मतलब यह है कि केरल का बजट दो ट्रिलियन रुपये का हो गया है। इस बजट में समाज में होने वाले […]

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नागरिक स्वतंत्रता के चैंपियन ए.के. गोपालन, जिन्हें आजादी के बाद भी जेल…

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नागरिक स्वतंत्रता के चैंपियन ए.के. गोपालन, जिन्हें आजादी के बाद भी जेल में रखा गया था!

रिपोर्ट : कुर्बान अली   15 अगस्त 1947 को, जिस दिन भारत को आज़ादी मिली, केरल की कन्नूर जेल में एक ऐसा कैदी था, जिस पर इंग्लैंड के सम्राट के खिलाफ लोगों को भड़काने और राजद्रोह करने का आरोप लगाया गया था। उसका अपराध क्या था? स्वतंत्रता दिवस मनाना! और ऐसा उस सम्राट की ओर […]

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समृद्ध साझी विरासत का तिरपालीकरण

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समृद्ध साझी विरासत का तिरपालीकरण

रिपोर्ट : बादल सरोज   रंगों के त्यौहार होली को इस बार जितना बेरंग और बदरंग किया गया, वैसा पिछले 70 सालों की तो छोड़िए, इस पर्व के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। हमेशा की तरह लोकरंग की फाग में पगी हिलोरों की फुहार आने की बजाय होली के आने के दो दिन पहले […]

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भगत सिंह और आज की चुनौतियां

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भगत सिंह और आज की चुनौतियां

शहादत दिवस पर विशेष आलेख   रिपोर्ट : संजय पराते)*   भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी की सजा दी गई थी और अपनी शहादत के बाद वे हमारे देश के उन बेहतरीन स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में शामिल हो गये, जिन्होने देश और अवाम को निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं दी। उन्होंने अंगेजी […]

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क्या अब हम ‘सच्चा इतिहास’ फ़िल्मों के ज़रिये पढ़ेंगे!

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क्या अब हम ‘सच्चा इतिहास’ फ़िल्मों के ज़रिये पढ़ेंगे!

रिपोर्ट  : मुकुल सरल   जो ऐतिहासिक सच्चाई हमारे तमाम इतिहासकार, शोधकर्ता, सरकार का पूरा तंत्र और उसके तमाम जांच कमीशन नहीं खोज पाए, वो अब कुछ कमर्शियल फ़िल्म मेकर ढूंढ ले रहे हैं। अब लगता है कि हमें सच्चा इतिहास जानने के लिए इतिहास की किताबें पढ़ने की ज़रूरत नहीं है, बस दो-ढाई घंटे […]

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छुड़ाए नहीं छूटेगा गुजरात के दंगों का दाग

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छुड़ाए नहीं छूटेगा गुजरात के दंगों का दाग

रिपोर्ट  : राजेंद्र शर्मा   बेशक, नरेंद्र मोदी के विरोधी कोई समूचे परिदृश्य से गायब ही नहीं थे। विपक्षी, जैसी कि उनकी जिम्मेदारी थी, इन भयंकर दंगों के संदर्भ में मोदी सरकार की विफलताओं और उसके चलते जान-माल के भयावह नुकसान के खिलाफ लगातार और जोरदार तरीके से आवाज उठा रहे थे। और विपक्षी, जिसमें […]

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माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के मकड़जाल में फंसी महिलाएं

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माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के मकड़जाल में फंसी महिलाएं

रिपोर्ट : मरियम ढवले अनुवाद : संजय पराते   बिहार में दादा-दादी ने अपनी पोती की शादी के खर्च के लिए माइक्रो फाइनेंस संस्थान (एमएफआई) से ऋण लिया था। वे इसे चुकाने में असमर्थ थे। वे ट्रेन के आगे कूद गए और आत्महत्या कर ली। महाराष्ट्र में एक मां ने अपनी 6 वर्षीय बेटी से […]

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औरंगजेब की लानत-मलानत के बाद अब बेचारे मुहम्मद-बिन-तुगलक की बारी

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औरंगजेब की लानत-मलानत के बाद अब बेचारे मुहम्मद-बिन-तुगलक की बारी

रिपोर्ट : संजय पराते   प्रेमचंद ने कहा था — “सांप्रदायिकता हमेशा संस्कृति की खाल ओढ़कर सामने आती है।” इसके साथ ही आज का सच यह भी है कि सांप्रदायिकता इतिहास का मिथ्याकरण करती है और मिथकों को इतिहास के रूप में पेश करती है। आज भाजपा-संघ पुराणों में विमान विज्ञान से लेकर अंग प्रत्यारोपण […]

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हिंदी-उर्दू विवाद : कमबख्त ने ये बात भी उर्दू में कही है!!

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हिंदी-उर्दू विवाद :  कमबख्त ने ये बात भी उर्दू में कही है!!

रिपोर्ट : बादल सरोज   पड़ना था ट्रम्प की बांह मरोड़कर टैरिफ कम करवाने की गुण्डई के पीछे ; मुद्दा बनना चाहिए था 144 साल में जैसी नहीं हुई शेयर मार्केट की वैसी गिरावट और छोटे और मंझोले निवेशकों के न जाने कितने लाख करोड़ डूब जाना ; चर्चा होनी चाहिए थी पाताल छूते रोजगार […]

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एकता का स्वांग, बंटवारे की भाषा!

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एकता का स्वांग, बंटवारे की भाषा!

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   भाषा के प्रश्न पर और खासतौर पर क्षेत्रीय अस्मिता के मुद्दे पर, दक्षिण भारत एक बार फिर गर्म हो रहा है। इसका उबाल तमिलनाडु में खासतौर पर ज्यादा है, जहां पहले भी 1960-70 के दशकों में, भाषायी प्रश्न पर उग्र विरोध सामने आया था। बहरहाल, कम से कम इस बार […]

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1. हे भागवत जी, कुछ ऐसी भागवत-कथा कहो कि आपका श्रोता सुनते-सुनते…

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1. हे भागवत जी, कुछ ऐसी भागवत-कथा कहो कि आपका श्रोता सुनते-सुनते सो जाए! : विष्णु नागर

राजनैतिक व्यंग्य समागम   1. हे भागवत जी, कुछ ऐसी भागवत-कथा कहो कि आपका श्रोता सुनते-सुनते सो जाए! : विष्णु नागर   खबर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की अगले महीने बंगलूरू में होने वाली बैठक में ‘हिंदू जागरण’ पर चर्चा होगी। यह अत्यंत शुभ विचार है, क्योंकि पिछले साढ़े दस साल […]

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फासिस्ट ताकतों को हराने और विकल्प देने का ठोस आकलन

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फासिस्ट ताकतों को हराने और विकल्प देने का ठोस आकलन

रिपोर्ट : जसविंदर सिंह सी पी आई (एम) की 24 वीं पार्टी कांग्रेस के राजनीतिक प्रस्ताव के मसौदे के जारी होते ही सी पी आई (एम) पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। सी पी आई (एम) पर बीजेपी के प्रति नरम रुख अपनाने की सिर्फ बात ही नहीं की जा रही है, बल्कि कभी-कभी […]

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खतरनाक तरीके से फैल रहा है सांप्रदायिकता का जहर

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खतरनाक तरीके से फैल रहा है सांप्रदायिकता का जहर

रिपोर्ट : सुभाषिनी अली अनुवाद : संजय पराते   संघ परिवार और इसके समर्थकों की बढ़ती संख्या द्वारा आम जनता और प्रशासन के बीच राजनीति में नियमित रूप से घोला जा रहा सांप्रदायिक जहर मुस्लिमों पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार है। सबसे दुखद बात यह है कि हाल की घटनाओं ने दिखाया है कि […]

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बागेश्वर धाम सरकार में सरकार : साम्प्रदायिकता और कॉर्पोरेट का विधिवत पाणिग्रहण

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बागेश्वर धाम सरकार में सरकार : साम्प्रदायिकता और कॉर्पोरेट का विधिवत पाणिग्रहण

रिपोर्ट : बादल सरोज कई बार वास्तविकता को उजागर करने के लिए उसे शब्दों में सूत्रबद्ध करना जरूरी नहीं होता, परिस्थितिजन्य साक्ष्य काफी होते हैं। कई बार कहे-सुने से ज्यादा, सही तरीके से देखी गई छवियां ही सब कुछ उजागर कर देती हैं। पिछले दिनों छतरपुर के प्रवचनकर्ता धीरेन्द्र शास्त्री के दो समारोहों में प्रधानमंत्री […]

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2025 : चुनौतियों से आगे बढ़ने की जिद का अवसर

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2025 : चुनौतियों से आगे बढ़ने की जिद का अवसर

रिपोर्ट : संध्या शैली   संयुक्त राष्ट्र संघ का अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2025 का आह्वान महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी देने का है। लेकिन यह रास्ता कितना लंबा है, यह हाल की कई घटनायें दिखाती हैं। हमारा देश ही नहीं, आज पूरी दुनियां में जिस तरह से दक्षिणपंथी विचारधारा हावी है, उससे यही दिखता है […]

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दाल देख और दाल का पानी देख!

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दाल देख और दाल का पानी देख!

रिपोर्ट : संजय पराते   रोटी के साथ दाल मिलना भी अब नसीब की बात है। आज की ताजा खबर है कि बाजार में दाल का संकट आने वाला है, क्योंकि सरकारी दाल का भंडार खाली है। क्यों खाली है, इस पर टिप्पणी करेंगे ; लेकिन इसका मतलब यह है कि गरीबों को अब दाल-रोटी […]

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राजद्रोह की धारा या सत्तापक्ष का हथियार

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राजद्रोह की धारा या सत्तापक्ष का हथियार

रिपोर्ट : राजेंद्र शर्मा   इसे भाजपा की धुलाई मशीन का करिश्मा कहना, शायद इसमें निहित हमारी संवैधानिक व्यवस्था के क्षय को कम कर के आंकना होगा। इससे पता चलता है कि नरेंद्र मोदी के राज में राजद्रोह जैसे गंभीर और पटेल नेता के रूप में उभरे, हार्दिक पटेल और जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय की कन्हैया […]

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राजेंद्र शर्मा के दो व्यंग्य 1. गोडसे को आने दो!

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राजेंद्र शर्मा के दो व्यंग्य 1. गोडसे को आने दो!

  हम तो पहले ही कह रहे थे – गोडसे को आने दो। गांधी को जाने दो। आखिर, राष्ट्रपिता के नाम पर गांधी को कब तक ढोते रहेंगे। गांधी के चक्कर में देश गोडसे की महत्ता पहचान ही नहीं पा रहा है। इसी दोष को दूर करने के लिए तो मोदी जी शुरू से ही […]

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सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष के अविचल योद्धा थे हरकिशन सिंह सुरजीत

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सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष के अविचल योद्धा थे हरकिशन सिंह सुरजीत

रिपोर्ट  : कुर्बान अली   23 मार्च 1931 को शहीद–ए–आजम भगत सिंह की शहादत ने देश के हजारों युवाओं को प्रभावित किया। उनमें से एक थे कॉमरेड हरकिशन सिंह सुरजीत, जो बाद में एक कट्टर राष्ट्रवादी, किसान नेता, कम्युनिस्ट नेता, सांसद और फिर किंगमेकर बने।   23 मार्च, 1916 को पंजाब के जालंधर जिले के […]

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हादसों की आहुति से पूर्ण हुआ प्रचारलिप्सा का महाकुंभ

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हादसों की आहुति से पूर्ण हुआ प्रचारलिप्सा का महाकुंभ

रिपोर्ट : बादल सरोज   जाने-न जाने के संशय से उबरकर आखिरकार पंतप्रधान भी पापमोचक माने जाने वाले कुंभ में डुबकी लगा ही आये। हालांकि अपने बाकी सगे कुटुम्बियों की तरह लुंगी गमछा स्नान करने की बजाय वे गंगा में सपरिधान उतरे, रेनकोट पहन कर नहाने के अपने ही जुमले को अपने पर ही लागू […]

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धार्मिक अल्पसंख्यकों की आर्थिक स्थिति : कोटा या सकारात्मक कार्रवाई?

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धार्मिक अल्पसंख्यकों की आर्थिक स्थिति : कोटा या सकारात्मक कार्रवाई?

रिपोर्ट : राम पुनियानी अल्पसंख्यकों, खास तौर पर मुसलमानों की आर्थिक दुर्दशा उन सभी लोगों के लिए बहुत परेशान करने वाली बात रही है, जो चाहते हैं कि समाज समानता और न्याय के लिए प्रयास करे। अगर हम भारत में मुस्लिम समुदाय की उत्पत्ति को अरब व्यापारियों के माध्यम से मालाबार तट पर 7वीं शताब्दी […]

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श्रद्धालुओं की आस्था का राजनैतिक दोहन : राम तेरी गंगा मैली हो…

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श्रद्धालुओं की आस्था का राजनैतिक दोहन : राम तेरी गंगा मैली हो गई, पापियों के पाप ढोते-ढोते

रिपोर्ट : संजय पराते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि गंगा की जिस पवित्रता का वर्णन हमारे धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, महाकुंभ की गंगा अब पवित्र नहीं रह गई है। बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि संगम घाट पर मल से उत्पन्न कोलीफॉर्म की मात्रा प्रति 100 […]

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पवित्र स्नान’ का दूसरा पहलू : क्या महाकुंभ में सरकारी लापरवाही से…

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पवित्र स्नान’ का दूसरा पहलू : क्या महाकुंभ में सरकारी लापरवाही से लोग बेहद गंदे पानी में नहाते रहे?

रिपोर्ट : सुभाष गाताडे   आस्था और गंदगी सहयात्री रहते आए हैं। आस्था के तमाम जाने-माने केन्द्रों पर या अपनी आस्था को सेलिब्रेट करने के नाम पर मनाए जाने वाले समारोहों में, प्रचंड ध्वनि प्रदूषण और रौशनी का प्रदूषण आदि के माध्यम से, इसकी मिसाल अक्सर देखने को मिलती है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों […]

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दिव्य भव्य महाकुंभ की अनुभूति – अरविन्द भाई ओझा (कथा व्यास)

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दिव्य भव्य महाकुंभ की अनुभूति – अरविन्द भाई ओझा (कथा व्यास)

इसबार का कुम्भ महाकुम्भ व दिव्य, भव्य कुम्भ था। कुम्भ हमारी सनातन संस्कृति का प्रतीक है । ज्ञान,कर्म व भक्ति के संगम से प्राप्त वैराग्य जीवन की धन्यता है इसलिए संगम और प्रयागराज का हिन्दू समाज के लिए विशेष स्थान है। सबसे अधिक प्रसन्नता की बात है कि युवाओं ने इस कुम्भ में उत्साह के […]

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आरएसएस के अंग्रेज़परस्ती के इतिहास की पुनरावृत्ति है भारत-अमेरिका संबंधों का यह…

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आरएसएस के अंग्रेज़परस्ती के इतिहास की पुनरावृत्ति है भारत-अमेरिका संबंधों का यह काल

रिपोर्ट : अरुण माहेश्वरी   ट्रंप-2 के शासन का अब तक का यह काल हमें अभी से भारत-अमेरिकी संबंधों के इतिहास का सबसे शर्मनाक काल दिखाई देने लगा है। इसमें सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इस शर्म के लिए अकेले ट्रंप ज़िम्मेदार नहीं है। मोदी और उनकी सरकार भी अगर ज़्यादा नहीं, […]

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