सोनभद्र में हुए नरसंहार को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगया कि प्रदेश में योगी सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है. हालांकि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई केरगी. उन्होंने कहा, '' इम मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. अब तक मामले में मुख्य आरोपी प्रधान समेत 25 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है.'' योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, '' दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. सोनभद्र में हुई हत्या की जांच कमिटी करेगी. जो भी दोषी हैं उनको छोड़ा नहीं जाएगा.'' बता दें कि सोनभद्र में घटना वाली जगह पर आज धारा 144 लगा दी गई है. योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि जिस भूमि विवाद की वजह से यह संघर्ष हुआ, वह 1955 से चला आ रहा है और राजस्व अदालतों में कई मामले लंबित हैं और दोनों ही गुटों ने आपराधिक मामले भी दाखिल किये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद पर दस दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए अपर मुख्य सचिव :राजस्व: की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति राजस्व रिकार्ड की जांच कर विवाद का पता लगाएगी और अपनी सिफारिशें सौंपेगी. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपर महानिदेशक (वाराणसी जोन) से भी जुलाई 2017 से पूर्व सोनभद्र में दोनों पक्षों के बीच दर्ज हुए मामलों की जांच करने को कहा गया है. योगी ने कहा कि जवाबदेही तय की जाएगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा. हत्याकांड में शामिल लोग बख्शे नहीं जाएंगे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने के लिए निकली. वह हिंसा के पीड़ित लोगों से मुलाकात करने के इरादे से गईं लेकिन मिर्जापुर नारायणपुर पुलिस चौकी पर प्रियंका के काफिले को रोक दिया गया है. प्रियंका इसके बाद मिर्जापुर में धरने पर बैठ गई जिसके बाद पुलिस गाड़ी में बिठा कर उन्हें वहां से ले गई है. हालांकि हिरासत में लेने की बात पुलिस ने नहीं कहा है. प्रियंका गांधी ने इस दौरान बार-बार कहा कि उनके जाने से कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी. बता दें कि सोनभद्र हत्याकांड को लेकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी दल यूपी की योगी आदित्यानाथ की सरकार पर हमलावर है. गुरुवार को कंग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. अब प्रियंका गांधी वाड्रा भी शुक्रवार की सुबह पीड़ित परिवारों से मिलने वाराणसी और सोनभद्र पहुंची. इससे पहले भी प्रियंका गांधी सोनभद्र हत्याकांड को लेकर यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा चुकी हैं. सोनभद्र में घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की. विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. इस वारदात में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी. एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया. 18 अन्य जख्मी हो गए. प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार शाम लगभग पांच बजे मृतकों के शव लेकर उभ्भा गांव पहुंचे. शवों को देखते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया. शवों को दफ़नाने के स्थान को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई. गांव वालों की मांग थी कि जहां गोली चली है, शवों को उसी ज़मीन में दफ़नाया जाए जबकि प्रशासन का कहना था कि परम्परागत स्थान पर ही दफ़नाया जाएगा. अंतत: देर रात मामले में गतिरोध समाप्त हो गया और अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनकी जिद छोड़ने के लिए मना लिया.
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