जेई-एईएस (जापानी इंसेफलाइटिस एक्यूट इंसेफलाइटिसी सिंड्रोम) से बचाव के लिए वैसे तो पूरे जिले में संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत निरोधात्मक कार्यवाही एवं जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है मगर इस मामले में उच्च जोखिम चिन्हित सहित इस गांव में दिमागी बुखार से बचाव के लिए विशेष तौर पर निरोधात्मक कार्यवाही एवं जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं जिन्नत गांव में साफ सफाई स्वच्छ पेयजल छिड़काव के साथ विभिन्न बिंदुओं पर संतृप्त करने की कार्यवाही भी तेज कर दी गई है।
वीबीडी (वेक्टर बार्न डिजीज) कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि जेयश के मामले में सभी चयनित गांव को विभिन्न बिंदुओं पर संस्कृत कराना सरकार मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में हैं ऐसे में उन सभी गांव में साफ सफाई स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करने खराब पड़े इंडिया मार्क हैंडपंप को ठीक कराने कीटनाशक का छिड़काव कराने फागिंग कराने जेई टीकाकरण से वंचित बच्चों का टीकाकरण कराने गांव में जो रोगियों की पहचान करने और शुगर वालों को भी संक्रमित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
जेई/ एईएस के मामले में चिन्हित उच्च जोखिम गांव जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभुवन चौधरी ने बताया कि जेई/एईएस के मामले में चिन्हित उच्च जोखिम गांव जिला मलेरिया अधिकारी त्रिभंग चौधरी ने बताया कि जो 37 गांव चिन्हित है उनमें बहादुरी, कोल्हुई, धानी, लक्ष्मीपुर, धुधली (पुरौना) बैरवा चंदनपुर हथियागढ़ जंगल गुलरिया बाघा पार बैकुंठपुर बीट नर्सरी शहरी धनेवा शर्मा कोटा नटवा पकड़ी नोनिया बरगदही बसंत नाथ बलिया राजा हर खोड़ा मोहना पूर्णिमा पर शामिल डोमा जय श्री निचलौल सीतलपुर खींचा पनियारा बरियारपुर चौपरिया परतावल बाजार श्यामदेउरवा खेसारी तथा सिसवा बाजार शामिल है।
जेई/ एईएस का विवरण एक नजर में वर्ष
कुल केस – वर्ष- संक्रमीत- मृत्यु-
2017 436 68
2018 252 26
2019 189 15
2020 185 12
2021 19 0
दिमागी बुखार के लक्षण- पीड़ित को अचानक तेज बुखार आना पीड़ित का तेज सिर दर्द होना शरीर का अपना और लाल चकत्ते हो जाना हाथ पैर में अकड़न हो जाना उल्टी और बेहोशी होना अगर यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो व्यक्ति दिमागी बुखार का मरीज है।
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