गेहूं बेचने के लिए अगर किसान पंजीकरण करा रहे हैं तो इस बार किसानों को अपना नामिनी भी नामित करना होगा। यदि गेहूं की बिक्री के लिए किसान नहीं है, तो नामिनी द्वारा गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। यदि पंजीकरण में खुद का ही मोबाइल नंबर दे दूसरे का नंबर देने पर किसी प्रकार सूचना या ओटीपी जाती है तो जानकारी दूसरे को भी हो जाएगी।
इस बार पांच हेक्टेयर भूमि वाले किसानों के भूमि का सत्यापन एसडीएम के डिजिटल सिग्नेचर द्वारा होगा। वहीं पांच हेक्टेयर से अधिक भूमि का सत्यापन एसडीएम और खाद्य विपणन अधिकारी स्तर की समिति द्वारा डिजिटल सिग्नेचर से किया जाएगा। इस बार सभी गेहूं क्रय केंद्रों की मैपिंग होगी। इसमें केवल मंडी के क्रय केंद्रों को मैपिंग से मुक्त रखा गया है। गेहूं बेचने के लिए इस बार किसानों का अपना नामिनी रखना होगा।
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