बहराइच 04 अगस्त। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन/प्रवर्तन) राजीव कुमार ने बताया कि परिवहन कार्यालय में दो पहिया वाहन स्वामियों विशेषकर रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटर साईकिल के स्वामियों के साथ बैठक कर जानकारी दी गयी कि वाहन निर्माता द्वारा मानकों के अनुसार लगाये गये साइलेन्सर को निकलवाकर अथवा उनके उसमें परिवर्तन (मोडिफाई) कराना मोटरयान अधिनियम 1998 की धारा 52 में अनाधिकृत परिवर्तन का उल्लंघन है, अपितु धारा 192(2) निर्धारित मानक के अधिक ध्वनि प्रदूषण) का भी उल्लंघन है।
बैठक में बताया गया कि पीआईएल संख्या 15385/2021 न्यायस पाल्यूशन थू मोडिफाई साइलेन्सर (सु0मोटो0) पीआईएल बनाम उ.प्र. राज्य सरकार व अन्य में मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ लखनऊ द्वारा इस प्रावृत्ति का स्वतः संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित विभागों द्वारा कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये है। दो पहिया वाहन स्वामियों को यह भी जानकारी दी गयी कि धारा 52 की उल्लंघन में 5000 रूपया के जुर्माना का प्राविधान है वहीं धारा 192(2) के उल्लंघन में रू. 10000 जुर्माने का प्राविधान है। इस प्रकार मोटर साईकिल साइलेन्सर को निकलवाकर एवं उनके मोडिफाई करने पर मोटरयान अधिनियम का उल्लंघन करते पाये जाने पर रू. 15000 जुर्माना आरोपित हो सकता है।
ए.आर.टी.ओ. श्री कुमार ने जनपद में समस्त दो पहिया वाहनों विशेषकर रॉयल एनफील्ड बुलेट वाहन स्वामियों व चालकों को निर्देशित किया है कि तत्काल सुधार कराकर वाहन निर्माता द्वारा मानक के अनुरूप वाहनों में लगाये गये साइलेन्सर के साथ वाहन का संचालन सुनिश्चित करें। अन्यथा कि स्थिति में विशेष चेकिंग अभियान चलाकर ऐसे वाहन स्वामियों के विरुद्ध प्रवर्तन कार्यवाही करते हुए जुर्माना आरोपित किया जायेगा एवं साथ ही ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध मा. उच्च न्यायालय खण्ड पीठ लखनऊ के आदेशों की अवहेलना का भी उत्तरदायित्व होगा।
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