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Saturday, April 19, 2025 12:13:24 AM

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संविधान निर्माता ही नहीं बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे बाबा साहब

संविधान निर्माता ही नहीं बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे बाबा साहब

जेके मजदूरों ने धरना स्थल पर ही मनाई बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती
-प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि
-बकाया भुगतान की मांग को लेकर 56 वें दिन भी जारी रहा अनिश्चित कालीन धरना

बकाया वेतन भुगतान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कराने की मांग को लेकर 18 फरवरी से कोटा कलेक्ट्रेट पर चल रहा जेके फैक्ट्री के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना सोमवार को 56 वें दिन भी जारी रहा। इस बीच मजदूरों ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती मनाई। सभी मजदूरों ने अदालत परिसर में लगी बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीटू के मीडिया प्रभारी मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि सोमवार को धरने का संचालन कामरेड अशोक सिंह ने किया। धरने की संचालक समिति के मजदूर नेता कामरेड उमाशंकर, कामरेड हबीब खान ने बताया कि सोमवार को जेके फैक्ट्री के मजदूरों ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134 वीं जयंती धरना स्थल पर ही मनाई है। सभी मजदूर रैली निकालते हुए अदालत चौराहे पर पहुंचे। जहां स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान जेके फैक्ट्री के सैंकड़ों मजदूर और सीटू सदस्य मौजूद रहे। कामरेड हबीब खान कहा कि भारत के इतिहास में कुछ व्यक्तित्व होते आए हैं, जिन्होंने युगों को बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. भीमराव अम्बेडकर भी ऐसे ही महामानव थे, जिन्होंने सामाजिक असमानता की चट्टानों को तोड़ते हुए न्याय, समानता और समरसता का मार्ग प्रशस्त किया। वे केवल सविधान निर्माता ही नहीं बल्कि सामाजिक क्रांति के महान योद्धा, विचारक, अर्थशास्त्री, कानूनविद और एक सच्चे राष्ट्र निर्माता भी थे। डॉ. अम्बेडकर ने सामाजिक आंदोलनों के माध्यम से भारत के शोषित व पीड़ित वर्ग को आत्म सम्मान से जीने का अधिकार दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।

इन मामलों को लेकर बाबा साहब ने किए आंदोलन

बाबा साहब ने महाड़ सत्याग्रह (1927) के जरिए अछूतों को सार्वजनिक जल स्रोतों से पानी पीने का अधिकार दिलाया। साथ ही नासिक का कालाराम मंदिर आंदोलन कर अछूत समझे जाने वाले वर्ग को शिक्षित होने, संगठित होने और संघर्ष करके अपना हक प्राप्त करने का रास्ता दिखाया। साथ ही शोषित पीड़ित वर्ग को शिक्षा का मूल मंत्र दिया।

खतरे में है देश का लोकतंत्र

वक्ताओं ने कहा कि आज हम सब ये जो धरना देकर सरकार से अपने बकाया वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं, यह सब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की देन है। आज बाबा साहब का संविधान और देश का लोकतंत्र खतरे में है। हमें एकजुट होकर बाबा साहब के संविधान को बचाना है। धीरे-धीरे खत्म किए जा रहे लोकतंत्र को बचाना है। यह हम सब की जिम्मेदारी है। संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ संविधान को मानने वालों को एक मंच पर लाकर बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का शोषण विहीन भारत बनाने के लिए बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। सबको शिक्षा, रोजगार, सम्मान से जीने का अधिकार और आर्थिक समानता मिले। जिसकी जितनी जनसंख्या है, उसकी सब जगह उतनी भागीदारी हो।

जारी रहेगा धरना

मजदूर नेताओं ने कहा कि जब तक हमको हमारा बकाया वेतन भुगतान नहीं मिल जाता और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू नहीं किया जाता, तब तक कोटा कलेक्ट्रेट पर जेके फैक्ट्री के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना जारी रहेगा।

56 वें दिन धरने को इन्होंने किया संबोधित

56 वें दिन धरने को मजदूर नेता हबीब खान, उमा शंकर, नरेंद्र सिंह, महिला समिति जिलाध्यक्ष रजनी शर्मा, कामरेड गोपाल शर्मा, कालीचरण सोनी, महिला नेता पुष्पा खींची, जाहिदा बानो, रमा रघुवंशी, हनुमान सिह आदि मजदूर नेताओं ने सम्बोधित किया।

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