Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Saturday, April 19, 2025 6:35:01 AM

वीडियो देखें

संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए शोषितों और दलितों की एकता जरूरी

संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए शोषितों और दलितों की एकता जरूरी

कोटा में विभिन्न संगठनों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मनाई बाबा साहब की जयंती

कोटा के अदालत परिसर स्थित बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर विभिन्न दलित संगठनों सहित भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड), विकल्प जन सांस्कृतिक मंच कोटा से जुड़े कार्यकर्ताओं और साहित्यकारों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर बाबा साहब की 134 वीं जयंती मनाई।
लोकतंत्र‌ बचाओ समिति के विजय राघव ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के पर माल्यार्पण कर सभी ने डॉ. अंबेडकर अमर रहें तथा संविधान बचाओ, देश बचाओ के नारे लगाए। डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में महेन्द्र नेह, विजय राघव, महेन्द्र पांडेय, नारायण शर्मा, टीजी विजय कुमार, किशन वर्मा, चांद शेरी, बद्रीलाल दिव्य, राम करण प्रभाती, आनंद हजारी, सत्येंद्र वर्मा आदि शामिल थे।
अपने विचार व्यक्त करते हुए एमसीपीआई ( यू ) के प्रदेश सचिव महेन्द्र नेह ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की कॉरपोरेट परस्त नीतियों के कारण देश में महंगाई, बेरोज़गारी, ग़रीबी, अशिक्षा तेजी से बढ़ रही है। जिससे मजदूर, किसान, कर्मचारी ही नहीं मध्यवर्गीय परिवार भी भारी परेशानी में हैं। भाजपा सरकारें जन समस्याओं को हल करने के बजाय पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव का वातावरण निर्मित कर रही हैं। विजय राघव ने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश के संविधान और लोकतंत्र को तानाशाही और सांप्रदायिकता से बचाने की है।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल सबसे प्राथमिक

विकल्प के अध्यक्ष किशन वर्मा, चांद शेरी और बद्रीलाल दिव्य ने कहा कि लेखकों और कलाकर्मियों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल प्राथमिक है‌ जिसे डॉ. अंबेडकर ने संविधान में देशवासियों को सबसे बड़ी गारंटी के रूप में दर्ज किया है। महेन्द्र पांडेय एवं नारायण शर्मा ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के विचार इस दौर में बहुत प्रासंगिक हैं।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *