समाजसेवी वरिष्ठ राजनेता व सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह चंदेल ने तीनों कृषि विधेयकों को किसानों के हित में बताते हुए कहा कि देश के कुछ राजनीतिक दल अपने राजनीतिक हित साधनें के लिए किसानों के हित के बिलों के खिलाफ जानबूझकर किसानों को बरगलाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में कुछ राजनीतिक दल व राजनेता मोदी सरकार के विरोध में इतने अंधे हो चुके हैं कि वो कृषि बिल के पूरे मामले में जानबूझकर बार-बार झूठ बोल रहे है, उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल से किसानों के साथ बिचौलियों की चल रही लूट को भाजपा सरकार के द्वारा बिल के द्वारा बंद करवाने के चलते देश में कुछ लोग बेहद परेशान हैं, किसानों के साथ हो रही लूट को विपक्षी दल आज भी बिल्कुल खत्म नहीं होने देना चाहते है, क्योंकि इन लोगों को पता है कि अगर देश का किसान संपन्न हो गया तो इन राजनीतिक दलों की भविष्य में फिर कभी “काठ की हांडी” नहीं चढ़ पाने की है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने अपने कार्यकाल में कभी भी किसानों के हित के लिए कोई कार्य नहीं किया, अब वो भाजपा सरकार के किसान हित के कार्यो पर पहले किसानों से झूठ बोलते थे कि देश में इन कानूनों के लागू हो जाने के बाद फसलों के एमएसपी की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी, जबकी किसानों का लाभ चाहने वाली केन्द्र की मोदी सरकार ने एमएसपी को बरकरार रखके उस में भारी वृद्धि करके विपक्ष के दुश्प्रचार की हवा निकाल दी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ राजनेता लगातार मासूम किसानों की ओट लेकर के ओछी राजनीति करने पर तुले हुए हैं वह किसानों के बीच जाकर झूठ फैलाने का कार्य कर रहे हैं, जबकी उनको अब समझ जाना चाहिए कि जनता ने उनको पूर्ण रूप से नकार दिया है। विपक्ष के राजनेता भाजपा के तर्कहीन विरोध में पिछले लंबे समय से आम आदमी व समाज के हित के प्रत्येक बिल और देशहित के कार्यों का विरोध करके उसमें अडंगा डालकर देशद्रोही की तरह कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह लोग कहते है कि फसलों की सरकारी खरीद नहीं होगी, लेकिन सरकार ने खरीद शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलेगा। लेकिन सरकार ने अगले सीजन के न्यूनतम समर्थन मूल्य की भी घोषणा कर दी और इनके झूठ की हवा निकालने का काम कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह नए तीन कृषि कानून प्रगतिशील विचारधारा वाले किसानों के बेहद हित में हैं, इससे जो किसान मंडी में बिचौलियों की जगह खुले बाजार में अपनी फसल को अपने मूंह मांगे दाम पर बेचना चाहते है वो अब पूर्ण रूप से आजाद हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के द्वारा सोशल मीडिया पर किसान हितों के बिलों के बारे में जानबूझकर तरह-तरह की झूठी अफवाह फैलाये जा रही है, लेकिन इन राजनेताओं को अब समझ जाना चाहिए किसान उनके द्वारा अपने 70 साल तक किये गये उत्पीड़न को नहीं भूल सकता है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने कभी भी किसानों के हित में कोई काम नहीं किया। जिस स्वामीनाथन आयोग का गठन इन दलों की सरकार में हुआ, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी उस आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की और आज यह किसान विरोधी दल किसानों के बीच जाकर उनके शुभचिंतक बनने की नौटंकी कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह से केंद्र की सत्ता में आते ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किसानों के हितों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जिससे अब किसानों के बीच अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देखकर देश के विपक्षी दल बेहद परेशान है। विरोध प्रदर्शनों से साफ होता है कि विपक्षी दलों के पास अब भाजपा सरकार की जनहित की नीतियों के चलते अपनी राजनीतिक दुकानदारी चलाने के लिए मुद्दों का अभाव हो गया है। उन्होंने कहा कि अब हम लोगों ने कमर कस ली है जल्द ही तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में विपक्ष की पोल खोलने का हम घर-घर जाकर काम करेंगे, हम जैसे लाखों कार्यकर्त्ता किसान के खेत से लेकर अब किसान के घर तक जाकर कृषि बिल व मोदी सरकार की जनहित की नीतियों का प्रचार प्रसार करेंगे l
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