दिल्ली। जेंडर समानता के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा और यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। हिन्दू कालेज के वूमन्स डवलपमेंट सेल और स्वैच्छिक संस्थान निरंतर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक कार्यशाला में उक्त विचार निकलकर आए। जेंडर एंड एजुकेशन विषयक इस कार्यशाला में निरंतर संस्था के वेब पोर्टल ‘द थर्ड आई’ की कम्युनिकेशन हेड सोहनी हर्षे, रिसर्चर एंड फील्ड फैसिलिटेटर आस्था बाम्बा और द थर्ड आई हिंदी सम्पादक सुमन परमार ने
जेंडर, यौनिकता, हिंसा, टेक्नोलॉजी और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विद्यार्थियों को जानकारी दी। कार्यशाला में प्रतिभागियों को कुछ वीडियो के माध्यम से भी भारतीय समाज में व्याप्त जेंडर भेद के प्रसंगों को स्पष्ट किया गया। सुमन परमार ने विद्यार्थियों को बताया कि किसका नजरिया हमारे ज्ञान का आधार बनता है? उन्होंने शिक्षा में विविधता के महत्त्व को दर्शाते हुए जेंडर और शिक्षा के बीच के संबंध को स्पष्ट किया।
आस्था बाम्बा ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए अनेक प्रश्नों के उत्तर दिए। हर्षे ने कहा कि युवा विद्यार्थियों की मदद से देश में जेंडर भेद को निश्चित ही समाप्त किया जा सकेगा।
इससे पहले वूमन्स डवलपमेंट सेल की परामर्शदाता प्रो रचना सिंह ने कार्यशाला की रूपरेखा स्पष्ट की। कार्यशाला में बी ए तथा बीएससी के विभिन्न विषयों के विद्यार्थियों ने भागीदारी की। हिंदी विभाग के डॉ विमलेन्दु तीर्थंकर, डॉ पल्लव तथा डॉ रमेश कुमार राज ने कार्यशाला के आयोजन में सहयोग किया। अंत में सेल की अध्यक्ष मुसकान ने आभार व्यक्त किया।
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