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Thursday, May 15, 2025 6:48:28 AM

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बुल्डोजर एक्शन पर डीएम एएसपी समेत 26 लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं मे मुकदमा दर्ज

बुल्डोजर एक्शन पर डीएम एएसपी समेत 26 लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं मे मुकदमा दर्ज

सुप्रीम कोर्ट से मिला न्याय देश के पत्रकारों के लिए बने नजीर मनोज टिबडेवाल

महराजगंज।जनपद महराजगंज के नगर कोतवाली महराजगंज मे दिनांक 30 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन डीएम,एडीएम सहित 26 लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पीड़ित पत्रकार मनोज टिबडेवाल ने कहा कि हम सभी 21वीं शताब्दी में जी रहे हैं,क्या हम सपने में भी इस बात को सोच सकते हैं कि हम-आप अपने घर के अंदर बैठे हो और अचानक आपके घर के अंदर बिना परमिशन,बिना वारंट पुलिस घुसे और घर के

सभी महिला पुरुष सदस्यों को

जबरन बाहर खींचकर निकाल दे

और फिर जरूरी सामानों तक

की मंदिर और कैश बाक्स तक को निकालने के लिए बिना एक मिनट का वक्त दिये, बिना लिखित नोटिस के घर व दुकान के समस्त सामानों सहित बुलडोजरों से पलक झपकते

ही आपके मेहनत की कमाई को

जमींदोज कर दे और वह भी यह

बोलकर कि आपका मकान गिराना है, यह जिलाधिकारी का आदेश है।मानवता को शर्मसार करने वाला तथा देश के संविधान लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने वाला यह बर्बर हादसा, अमानवीय जुल्म और गैर

संवैधानिक कृत्य मेरे व मेरे परिवार के साथ 13 सितंबर 2019 को दोपहर 3 बजे महराजगंज जिले के

तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने अपने साथी पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के साथ मिलकर किया था।इस जुल्म व अत्याचार को

लेकर मेरे द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट को लिखे गये चार पत्र के शिकायती पत्र का स्वत संज्ञान देश को सर्वोच्च अदालत माननीय सुप्रीम

कोर्ट ने लेते हुए मेरे पत्र को ही रिट में बदल दिया और फिर शुरू हुई मामले की व्यापक सुनवाई इस मामले में लंबी अदाली लड़ाई के बाद दिनांक 6 नवंबर 2024 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ

का ऐतिहासिक फैसला आया। इसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों को पूर्ण रूप से दोषी पाया और कहा कि याचिकाकर्ता मनोज टिबड़ेवाल

आकाश का मकान पूरी तरह से जायज था। पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

पत्रकार वार्ता में मनोज

टिबड़ेवाल ने दी यह

जानकारी: गैरकानूनी

धवस्तीकरण के आरोपी

आईएएस-आईपीएस

पीसीएस-पीपीएस, NH-

PWD के इंजीनियरों, नगर

पालिका के ईओ, पुलिस

इंस्पेक्टरों, सब इंस्पेक्टरों,

LAU इंस्पेक्टरों तथा ठेकेदारों

सहित 26 के खिलाफ सुप्रीम

कोर्ट के आदेश पर संगीन

धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर

 

इसके बाद गैरकानूनी

तरीके से पैतृक मकान को ध्वस्त कर दिया गया, जो पूरी तरह से

असंवैधानिक कृत्य है। माननीय

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बेहद सख्त आदेश देते हुए इस मामले में राज्य सरकार पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और इसे तत्काल याचिकाकतां मनोज टिबड़ेवाल आकाश को देने का आदेश दिया।

इसके साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मेरे पैतृक मकान व दुकानों के ध्वस्तीकरण का मुआवजा देने का आदेश दिया। माननीय सुप्रीम कोर्ट के अपने आदेश में कहा कि गैर विधिक धवस्तीकरण के समस्त

दोषियों के खिलाफ मेरी तहरीर पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तत्काल

पंजीकृत करें तथा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस केस की विवेचना

कल से कराने का आदेश

दिया। 30 दिसंबर की रात में

महराजगंज कोतवाली थाने में

माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक ने मुकदमा अपराध संख्या 629/2024 धारा 147,

166 167, 323, 504, 506,

427, 452, 342, 336, 355,

420, 467, 468, 471 तथा

120 बी के अंतर्गत खडक पंजीकृत करायी है। इन धाराओं में आजीवन कारावास की सजा का प्राविधान है।इस एफआईआर में तत्कालीन आईएएस आईपीएस, पीसीएस

पीपीएस, इंजीनियरों,

नगर पालिका के ईओ, पुलिस

इंस्पेक्टरों, सब इंस्पेक्टरों, महराजगंज एसके सिंह रघुवंशी,

इंस्पेक्टरों तथा ठेकेदारों सहित 26 नामजद तथा कई अन्य अज्ञात शामिल हैं। इनमें अमरनाथ उपाध्याय तत्कालीन जिलाधिकारी महराजगंज कुंज बिहारी अग्रवाल तत्कालीन अपर जिलाधिकारी महराजगंज, मणिकांत अग्रवाल तत्कालीन कार्य अधीक्षक (स्),अ.वि.नि.ई. (राजमार्ग), लोनिवि,

गोरखपुर: अशोक कनोजिया,

अधीक्षण अभियंता राष्ट्रीय मार्ग वृत्त,लोक निर्माण विभाग, लखनऊ:दिग्विजय मिश्रा, आरओ, नेशनल

हाइवे राजेश जायसवाल, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका महराजगंज आरके सिंह, स्थानिक अभियंता, नेशनल हाइवे देवानंद यादव, स्थानिक अभियंता, नेशनल हाइवे आशुतोष शुक्ल, तत्कालीन

अपर पुलिस अधीक्षक महराजगंज राजन श्रीवास्तव, तत्कालीन निरीक्षक, स्थानीय अभिसूचना इकाई, महराजगंज, संतोष सिंह, निरीक्षक, स्थानीय अभिसूचना इकाई, महराजगंज: सर्वेश कुमार सिंह, तत्कालीन शहर कोतवाल, महराजगंज, निर्भय कुमार सिंह,तत्कालीन इंस्पेक्टर, जनपद-सब इंस्पेक्टर, जनपद- महराजगंज

नीरज राय, तत्कालीन नगर चौकी इंचार्ज, महराजगंजः अविनाश त्रिपाठी, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर,जनपद महराजगंज: जयशंकर मिश्र तत्कालीन सब इंस्पेक्टर, जनपद-

महराजगंज: रणविजय, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर जनपद महराजगंज कंचन राय, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर,

जनपद महराजगंज: मनीषा सिंह,सब इंस्पेक्टर, जनपद- महराजगंज,अनुज सिंह, मालिक व ठेकेदार महाकालेश्वर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड सुनील दिवेदी, मालिक व ठेकेदार, महाकालेश्वर इंफाटेक प्राइवेट लिमिटेड: एचएन पाल प्रोजेक्ट मैनेजर, महाकालेश्वर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, संतोष,कर्मचारी महाकालेश्वर इंफ्राटेक

प्राइवेट लिमिटेड एसके वर्मा, टीम लीडर (अथारिटी इंजीनियर);

राकेश कुमार, अधिकृत अभियंता तथा कई अन्य अज्ञात शामिल हैं।

इसके अलावा समस्त दोषी अफसरों के खिलाफ कठेरतम विभागीय दंडात्मक कार्यवाही का आदेश माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को दिया।

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