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Thursday, May 15, 2025 1:13:21 PM

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डीआरडीओ द्वारा स्थिति निगरानी पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन विशाखापत्तनम में किया गया

डीआरडीओ द्वारा स्थिति निगरानी पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन विशाखापत्तनम में किया गया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत द्वारा 27 अप्रैल, 2023 को विशाखापत्तनम में स्थिति निगरानी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीसीएम 2023) का उद्घाटन किया गया। सम्मेलन का आयोजन नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेटरी (एनएसटीएल), डीआरडीओ की एक प्रमुख प्रयोगशाला द्वारा, स्थिति निगरानी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के सहयोग से किया गया है। इसका उद्देश्य स्थिति निगरानी के पेशवरों और विशेषज्ञों को एक साथ लाना और उत्पादकता एवं उपलब्धता बढ़ाने के लिए उद्योग से संबंधित कार्य प्रणालियों को प्रभावी ढंग से लागू करने का संदेश फैलाना है।

सम्मेलन में कंपन-आधारित निदान, ‘वियर डेब्रिस एनालिसिस’, ‘स्थिति निगरानी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग’ और ‘स्थिति निगरानी के लिए सेंसर और सिग्नल प्रौदयोगिकी जैसे विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस सम्मेलन में देश भर के उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों के प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया जा रहा है।

सम्मेलन में मुंबई के विश्वसनीयता और निदान केंद्र के मुख्य ज्ञान अधिकारी और निदेशक डॉ तारापद पायने, आईआईटी-गुवाहाटी के प्रोफेसर डॉ. राजीव तिवारी; जीवीपी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ एडविन विजय कुमार; सीबीएम और टीपीएम के सलाहकार डॉ राणा दत्ता; कैट IV- वाइब्रेशन एनालिस्ट के श्री गंटी सुब्बा राव और सीएमईआरआई, दुर्गापुर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ कमलकिशोर उके जैसे आमंत्रित विशेषज्ञों की वार्तालाप के अलावा लगभग 30 पेपर प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

अपने संबोधन में, डीआरडीओ के अध्यक्ष ने अभियंताओं से तेजी से बदलती प्रौद्योगिकियों से सामजस्य स्थापित करने और मशीनों एवं संरचनाओं की स्वास्थ्य निगरानी प्रणालियों में बेहतर कौशल क्षमता का निर्माण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्थिति निगरानी समृद्ध साधन के लिए नहीं है, अपितु यह एक आवश्यकता है। उन्होंने प्रख्यात विद्वानों और पेशेवरों से हाल की तकनीकी प्रगति के अनुसार सम्मेलन निगरानी विकसित करने के लिए एक दिशा-निर्देश तैयार करने का आग्रह किया।

नौसेना प्रणाली और सामग्री के महानिदेशक श्री एमज़ेड सिद्दीकी ने उपकरणों के प्रभावी रखरखाव के लिए उद्योग 4.0 के लाभों को प्राप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि डिजाइन चरण में ही पर्याप्त देखभाल की जाती है, तो प्रणाली में विश्वसनीयता, सुरक्षा, उपलब्धता और रखरखाव में वृद्धि के लिए स्थिति निगरानी में सुधार की निरंतर संभावना रहती है।

नेवल डॉकयार्ड (V) के एडमिरल सुपरिंटेंडेंट, रियर एडमिरल संजय साधु ने बताया कि भारतीय नौसेना ने लंबे समय से शिपबोर्ड की संपत्ति की स्थिति निगरानी को अपनाया है और इसे बनाए रखने में अपनी शानदार भूमिका के लिए एनएसटीएल की सराहना की।

स्थिति निगरानी सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री पीवीएस गणेश कुमार ने सम्मेलन के उद्देश्यों की व्याख्या की और आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में विचार-विमर्श से बेहतर रखरखाव दृष्टिकोण के लिए उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे।

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