रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराईच। यदि किसी कवि की कोई कविता स्मृति में सुरक्षित है, तो समझो उसकी कविता सफल है। एक कवि को कविता रचने के लिए विचार, कल्पना, उड़ान, व्यापक अध्ययन, शब्दों का विश्लेषण और शब्दों के चयन की शक्ति की बडी आवश्यकता होती है। यदि किसी कवि में ये सब बातें न हों तो वह एक भी कविता नहीं रच सकता। जहां तक मैं देखता हूं, मजहर सईद की शायरी से मुझे ऐसा लगता है कि, ये सभी गुण उनमें पूरी तरह मौजूद हैं। यही वजह है कि, उनकी शायरी आला दर्जे की शायरी कहलाने के लायक है। उपरोक्त विचार विशिष्ट अतिथि के रूप में गोरखपुर से आए सुप्रसिद्ध अफसाना निगार डॉ. उबैदुल्लाह चौधरी ने आज नाजिरपुरा में स्थित कादिर मोंटेसरी स्कूल में आयोजित मजहर सईद के काव्य संग्रह “आंसुओं की जबां” के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। यह स्पष्ट होना चाहिए कि मजहर सईद की शायरी का यह संग्रह आंसुओं की ज़बां उनकी छठी कृति है। इससे पहले उनके पांच कविता संग्रह आ चुके हैं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध वरिष्ठ शायर असर बहराइची ने कहा कि मैं मजहर सईद को उनकी इस पुसुतक के विमोचन के अवसर पर उन्हें बधाई देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि अल्लाह उनके साहस और शक्ति को और बढाए ताकि वह भविष्य में भी उर्दू शायरी और साहित्य को आगे बढ़ाते रहें। इस तरह उन की शायरी का संग्रह प्रकाशित होता रहे और लोगों के सामने आता रहे और उर्दू साहित्य की दुनिया उनसे समृद्ध होती रही। इसके अलावा वरिष्ठ कवि श्री अतहर रहमानी, खालिद नईम, शफीक अहमद बागबान ने भी कविता संग्रह आंसुओं की ज़बान और उसके लेखक मज़हर सईद के बारे में अपने विचार व्यक्त किए और मज़हर सईद को उनकी कृति के विमोचन के लिए बधाई दी मौलाना डॉ. सुफयान अहमद कासमी द्वारा संचालित इस कार्यक्रम की शुरुआत श्री कारी अब्दुल मतीन कासमी, उस्ताज़ तजवीद जामिया मसूदिया नूरुल उलूम द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत और श्री साकिब बहराइची की पवित्र नात से हुई। इसके बाद शहर के मशहूर शायर जनाब मंजूर बहराइची ने मजहर सईद की आंसुओं की जबां और उनकी शख्सियत पर कविता पेश की, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। समारोह के बाद एक काव्य सत्र भी आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता असर बहराइची और निज़ामत मौलाना डॉ. सुफयान अहमद कासमी ने की। काव्य सत्र में अध्यक्ष महफ़िल असर बहराइची के अलावा अतहर रहमानी, मज़हर सईद, मुहम्मद जमाल अज़हर सिद्दीकी, अकमल नज़ीर, रईस सिद्दीकी, ज़फ़रअज़ीज़, मुंशी जमाल, रुस्तम अली शैदा, शाह नवाज़ बहराइची, मंज़ूर बहराइची और साकिब बहराइची ने अपनी कविताओं और शायरी से श्रोताओं का दि यल खुश किया। विमोचन समारोह में मौलाना इरशाद-उल-हक नदवी, मौलाना वसीउल्लाह कासमी, हाफिज मोहिउद्दीन, साप्ताहिक जदीद मरकज के प्रतिनिधि शादाब हुसैन, डेली आग के प्रतिनिधि शफीउल्लाह कादरी, जुनैद अहमद नूर, नय्यर भाई, महमूद भाई, सईद भाई आदि शामिल हुए.
आखिर में कादिर मोंटेसरी स्कूल के प्रबंधक और अब्दुल कादिर इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल मुहम्मद कासिम उर्फ बबलू ने अपने स्कूल में आए सभी मेहमानों को धन्यवाद दिया।
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