*पलिया कला में दिखा बंद का व्यापक असर आक्रोशित किसानों ने धरना देकर जताया रोष और सरकार से की न्याय की मांग*
गगनमिश्रा/विश्वकांत त्रिपाठी
इन दिनो किसान आंदोलन से दिल्ली की सियासी तपिश तो बढ ही रही है. नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर लखीमपुर खीरी मे भी किसानोंं के भारत बंद के आवाहन पर पलिया तहसील के कमल सिनेमा चौराहे पर ट्ररान्स शारदा क्षेत्र क किसानों ने बढ चढ कर आंदोलन मे पहुच कर हिस्सा लिया और वे सरकार के साथ टकराने के मूड में पूरी तरह दिखे, हैं. उनका कहना है कि हम पीछे हटने के लिए नहीं आए हैं.
ऐसे ही 32 साल पहले किसानों ने दिल्ली के बोट क्लब पर हल्ला बोल कर दिल्ली को ठप कर दिया था. किसानों ने एक बार फिर ठान लिया है कि जब तक सरकार कानून को वापस नहीं लेगी वे डिगने वाले नहीं हैं
केन्द्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक ला आई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे अब कानून बन चुके हैं. लेकिन किसानों को ये कानून रास नहीं आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान और निजी खरीदारों व बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा होगा. इसके साथ किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाने का भी डर सता रहा है.
देश के करीब 250 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है, जिसके नेतृत्व मे लखीमपुर खीरी की सभी तहसीलों मे आन्दोलन चला जनपद के प्रमुख हिस्सो मे कानून वापस लेने को धरना-प्रदर्शन रोड जाम किया गया जिसे बस व ट्रक युनियन के साथ व्यापार मण्डलो का भी भरपुर समर्थन मिलने से लगभग पूरी तरह बंद सफल रहा।
वही पलियाकलां एसडीएम को महामहिम राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन अखिल भारतीय किसान संघ्रष समन्वय समिति (ए.आई.के.एस.सी.सी.) बैनर के नीचे सौप कर किसान नेता व पूरनपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक वी एम सिहं को भारत सरकार द्वारा आमंत्रित करने की मांग को ज्ञापन सौपा इस दौरान विभिन्न किसान संगठनो के नेताओं सहित पूर्व ब्लॉक प्रमुख गुरप्रीत सिंह’जार्जी’,कांग्रेस जिलाउपाध्यक्ष बलराम गुप्ता,संजीव कुमार’मुन्ना’,चेयर मैन महमूद हुसेन खां,हरविन्दर सिहं सोनी,मनप्रीत कंडोला,ओमकार सिह,यूवा व्यापार मण्डल अध्यक्ष जी एस वालिया, सहित माले व एपवा के तहसील स्तरीय पदाधिकारी सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






