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Wednesday, May 14, 2025 1:04:53 PM

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भारत सरकार की ‘‘कृषि अवसंरचना कोष’’ से होगी किसानों की स्थिति मज़बूत: कृषि मंत्री

भारत सरकार की ‘‘कृषि अवसंरचना कोष’’ से होगी किसानों की स्थिति मज़बूत: कृषि मंत्री

बहराइच 07 जनवरी। सहकारिता के क्षेत्र में अवसंरचना के विकास के लिए मा. प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ला में ‘‘कृषि अवसंरचना कोष’’ (एग्रीकल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर फण्ड) 09 अगस्त 2020 को किया गया था। इसके सम्बन्ध में आयोजित एक वेविनार में जनपद भ्रमण पर आये मा. मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग, उत्तर प्रदेश श्री सूर्य प्रताप शाही ने जिला सूचना विज्ञान केन्द्र, बहराइच के वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम से प्रतिभाग करते हुए प्रदेश में कृषि सेक्टर से सम्बन्धित उपलब्ध संसाधनों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर विधायक पयागपुर सुभाष त्रिपाठी, संयुक्त कृषि निदेशक देवीपाटन मण्डल डाॅ. पी.के. गुप्ता, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर टी.एन. दुबे, उप कृषि निदेशक डाॅ. आर.के. सिंह, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, पार्टी पदाधिकारी चन्द्रभान सिंह संचित व परशुराम कुशवाहा, बैंकर्स व सहकारिता क्षेत्र से जुडे अधिकारी भी मौजूद रहे।
मा. कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश ने बताया कि भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं कृषक कल्याण मंत्रालय की एक योजना है जो कि कुल रू. 01 लाख करोड़ की है जिसका उद्देश्य कटाई के उपरान्त अनाजों की क्षति को रोकने के लिए कृषि आधारित आधारभूत संरचना विकसित करने में सहयोग प्रदान करता है। इस योजना की समय सीमा 2020-21 से 2029-30 तक है परन्तु आर्थिक सहयोग हेतु चार वर्ष निर्धारित है जिसमें रू. 10000 करोड़ प्रथम वर्ष एवं उसके बाद 30000 करोड़ है। इसमें दो वर्ष का ऋण स्थगन (मोरेटोरियम) भी है इसके लिए पैक्स मार्केटिंग, सहकारी समिति, स्वयं सहायता समूह, एफपीओ, बहुउद्देशीय सहकारी समिति, संयुक्त देयता समूह, कृषि स्टार्ट अप, केन्द्रीय एवं राज्य सरकार की संस्थायें इत्यादि पात्र है।
मा. मंत्री श्री शाही ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत उपज के उपरांत अनाज के खराब होने से सम्बन्धित सभी संरचनाओं एवं सामूहिक खेती से सम्बंधित सभी व्यवहार इकाई जैसे की गोदाम, साईलो, सीटिंग एवं ग्रेडिंग इकाई, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र, जैविक उत्पाद से सम्बन्धित आधारभूत ढ़ाचे शामिल है। यह कार्यक्रम सभी सहभागी संस्थाओं जैसे कि वाणिज्यिक बैंक, ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, स्माल फाइनेंस बैंक, एनबीएफसी के माध्यम से संचालित की जायेगी तथा इसमें दो करोड़ की सीमा तक सीजीएमटीएसई से ऋण गारण्टी एवं 3 प्रतिशत की इंटरेस्ट छूट है सभी संस्थाओं को नाबार्ड रिफाइनेंस की सुविधा उपलब्ध है।

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