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Sunday, April 20, 2025 1:22:06 AM

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के.डी.सी. में आयोजित हुआ मोबिलाइजे़शन आॅफ कॉलेज स्टूडेंट्स कार्यक्रम

के.डी.सी. में आयोजित हुआ मोबिलाइजे़शन आॅफ कॉलेज स्टूडेंट्स कार्यक्रम
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार राजकुमार गुप्ता की रिपोर्ट

बहराइच 05 मार्च। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, बहराइच प्रथम द्वारा ठा. हुकुम सिंह किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय में फसल अवशेष प्रबन्धन परियोजना के तहत मोबिलाइजे़शन आॅफ कॉलेज स्टूडेंट्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मोबिलाइजे़शन आॅफ कॉलेज स्टूडेंट्स कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय में निबन्ध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में आयोजित के लगभग 150 छात्र-छात्राओं के बीच निबन्ध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गयी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए किसान पी.जी. कालेज के सचिव, डाॅ. एस.पी. सिंह द्वारा छात्र-छात्राओं को जानकारी दी गयी कि फसल अवशेष को जलाने से वातावरण प्रदूषित होता तो होता ही है साथ ही मिट्टी के पोषक तत्वों को भी अत्यधिक क्षति होती जिससे मिट्टी के भौतिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच प्रथम के प्रभारी अधिकारी प्रो. डॉ. एम.पी. सिंह ने बताया कि 01 टन धान के फसल अवशेष जलाने से लगभग 03 किलोग्राम कनिका तत्व, 92 कि.ग्रा. कार्बन मोनोऑक्साइड, 600 कि.ग्रा. कार्बन डाइऑक्साइड, 200 कि.ग्रा. राख एवं 0.4 कि.ग्रा. सल्फर डाइऑक्साइड अवमुक्त होती है जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियाॅ पैदा होती हैं। यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि फसल अवशेष को जलाने से लाभदायक मित्र कीट भी जलकर मर जाते हैं और मिट्टी के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
सस्य वैज्ञानिक डाॅ. शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि फसल अवशेष को जलाये जाने से जहाॅ एक ओर अन्य प्रकार के नुकसान होते हैं वहीं दूसरी पशुओं के चारे की व्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। डाॅ. सिंह ने फसल अवशेष के प्रबन्धन में कृषि यंत्रों जैसे सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, पैड़ी स्ट्रॉ चोपर, मल्चर यंत्र की उपयोगिता के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि यंत्रों के सहयोग से फसल अवशेष को खेत में मिलाये जाने से मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
किसान पी.जी. कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य डाॅ. ओ.पी. सोनी, डाॅ. ओ.पी. सिंह, डाॅ. राहुल सिंह, पी.के. सिंह, आनन्द श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान की। फसल अवशेष प्रबन्धन परियोजना के तहत मोबिलाइजे़शन आॅफ कॉलेज स्टूडेंट्स कार्यक्रम के तहत आयोजित निबन्ध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में त्योति पाण्डेय, अंजलि श्रीवासतव व शिवान सिंह ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया।

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