महराजगंज। बृजमनगंज ब्लाक में स्थित ग्राम सभा पृथ्वीपालगढ में स्थित बनहा का श्मशान घाट।जिसे मुक्ति धाम भी कहा जाता है। बृजमनगंज क्षेत्र के अधिकांश शवो का दाह संस्कार इस घाट पर किया जाता है।प्रतिदिन एक से दो शव घाट पर पहुचते हैं। आज इस कोविड महामारी में अधिकांश लोग बिमारी जैसे शुगर, ब्लड पेसर हार्ट अटैक आदि से आकस्मिक अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जा रहे हैं।परंतु यह बडे ही दुर्भाग्य की बात है लोगों के जिंदा रहते भी राजनीति करने वाले अपना स्वार्थ सिद्ध किये।जब मरने के बाद घाट पर उतारा गया तो देखा कि वहां पहले से ही एक मुर्दा अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है।जी हां हम बात कर रहे श्मशान में स्थित सरकारी हैंडपंप का जो काफी समय से बंद पड़ा है परंतु जिम्मेदार लोग ने अभी तक इसकी सुधि नही ली।इसे कहते हैं अंधेर नगरी चौपट राजा टका सेर भाजी टका सेर खाजा।क्षेत्र की जनता ने भी यही सोचा था पांच बर्ष बाद चुनाव होगा नया प्रतिनिधि चुना जायेगा परिवर्तन आयेगा विकास की लहर बहेगी परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।इस तपती धूप में लोग अपने परिजनो के अंतिम यात्रा में सम्मिलित होकर श्मशान घाट पहुचते हैं।परंतु श्मशान घाट की दुर्दशा पर क्षेत्र एवं ग्राम के जनप्रतिनिधि ने अपनी संवेदना तक ब्यक्त नहीं की।एक कहावत है कि मुर्दो के कफन चुराकर लोग बेच दिया करते हैं परंतु यह कहावत यहां चरितार्थ है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो दो बार सरकारी हैंडपंप के लिए सरकारी धन का बंदरबाट किया गया।तपती धूप में नदी पोखरे सूख रहे हैं क्रिया क्रम के बाद परिजन स्नान कैसे करे प्यास लग रही है अपनी प्यास कैसे बुझाये। सरकारी धन का घोटाला करने वाले लोगों की जांच कर कार्यवाही नहीं की गई तो ऐसे ही लोग सरकार की छवि धूमिल करते हैं।हम प्रदेश सरकार को बताना चाहते हैं ऐसे प्रदेश में सैकड़ों श्मशान घाट होंगे जिनकी दुर्दशा काफी दयनीय होगी आज इस कोविड महामारी में उन श्मशान घाट की स्थिति सुधारने की जरूरत है।
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