बहराइच 08 जुलाई। बौंडी थाना क्षेत्र के बाढ़ से प्रभावित होने वाले ग्राम सिलौटा में बाढ़ आपदा पूर्व तैयारियों को लेकर मॉकड्रिल किया गया। इस अवसर पर सीआरओ प्रदीप कुमार यादव के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में बाढ़ से बचाव के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। अधिकारियों द्वारा राहत कार्यों का प्रयोगात्मक दर्शन किया गया। इस दौरान सम्बंधित विभाग के अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याएं भी सुनी व उसके निस्तारण के निर्देश दिये।
बौंडी थानाक्षेत्र के बाढ़ प्रभावित ग्राम सिलौटा स्थित घाघरा नदी के तट पर प्रशासन द्वारा बाढ़ आपदा पूर्व मॉकड्रिल कराया गया। मॉकड्रिल की शुरुआत एनडीआरएफ कमांडेंट नीरज कुमार के अगुवाई में टीम के जवानों ने बाढ़ में डूब रहे युवक को बचाने के गुर बताएं व करके दिखाए। टीम कमांडेंट ने बताया कि यदि कोई भी युवक डूब रहा हो तो तत्काल उसे रस्सा अथवा बांस फेंकर उसे पकड़ने को कहें और जब वह रस्से अथवा बांस को पकड़ ले तो खींचकर निकाले। बाढ़ में डूबे व्यक्ति को निकालने के बाद उसके प्राथमिक उपचार के बारे में बताते हुए सीएचसी प्रभारी फखरपुर डॉ प्रत्यूष सिंह की अगुवाई में स्वास्थ्यकर्मियों ने तत्काल उसे स्ट्रेचर के जरिए एंबुलेंस में लिटाया। उन्होंने बताया कि यदि बाढ़ में कोई डूबा हो और उसे निकाला जाए और तत्काल नजदीकी हॉस्पिटल ले जाना चाहिए।
सर्पदंश की स्थित में डसे हुए स्थान के ऊपर बंद बांधना चाहिए, डेटॉल व तेज पानी से धोते हुए तत्काल हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। झाड़ फूंक, चीरा आदि के चक्कर मे नहीं पड़ना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को साफ पानी व ताजा सुपाच्य भोजन बाढ़ के समय लेना चाहिए। जच्चा-बच्चा का नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए। शरीर में पानी की कमी कदापि नहीं होने देना चाहिए। एएसपी ग्रामीण अशोक कुमार व सीओ महसी जेपी त्रिपाठी ने बाढ़ के दौरान आकस्मिक समस्या के सहायता के लिए पुलिस को सूचित करे। अधिशासी अभियंता सरयू ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा ने ग्रामीणों से अपील की कि यदि कहीं स्पर-स्टड अथवा तटबंध बाढ़ से क्षतिग्रस्त होता है तो तत्काल इसकी सूचना सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को दें।
एसडीएम एसएन त्रिपाठी ने ग्रामीणों को बताया कि बाढ़ के दौरान जो भी तहसील प्रशासन द्वारा निर्देश दिए जाए उनका बाढ़ पीड़ित पालन करें। यदि घाघरा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हो तो ऊंचे स्थानों पर विस्थापित हों। तहसीलदार महसी राजेश कुमार वर्मा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से अपील किया कि बाढ़ के दौरान लंगर की व्यवस्था रहेगी। जहां से वह भोजन प्राप्त कर सकेंगे। जिनके घर बाढ़ में गिर जाएंगे वह लोग ऊंचे स्थानों पर तिरपाल तानकर रह सकते हैं। जो उन्हें तहसील प्रशासन द्वारा मुहैया कराया जाएगा। एडीओ फखरपुर गुलामुद्दीन जिलानी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हैंडपंपों को ऊंचा कराया जाएगा जिससे पेयजल की समस्या नहीं रहेगी। शौचालय निर्माण कराए जाएंगे जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को शौच के लिए दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। पशु चिकित्सा प्रभारी तेजवापुर अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि अपने पशुओं का बाढ़ आपदा से पूर्व टीकाकरण अवश्य करवाये तथा पशुओं के चारे व ऊंचे स्थान पर रहने की पूर्व व्यवस्था कर लें। माकड्रिल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कृत्रिम श्वास देने, पेट से पानी निकालने, कृतिम स्ट्रेचर बनाने व रक्तस्राव को रोकने की विधियां बतायी गई।
सीआरओ ने बताया कि बाढ़ के दौरान गांवों में कुछ लोगों की टोली रहेगी जो ढोलक के जरिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बाढ़ की स्थिति की जानकारी देते रहेगें। यदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन किया तो काफी हद तक त्रासदी को कम किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सायरन की आवाज सुनकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को ऊंचे स्थानों पर चले जाना चाहिए। मॉकड्रिल से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आपदा पूर्व बचाव की जानकारी प्राप्त हुई है तथा लोगों को आपदा पूर्व क्या-क्या तैयारियां करनी चाहिए मार्कड्रिल में यह बताया गया है। इस दौरान नायब तहसीलदार विपुल कुमार सिंह, विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता एस.के. गुप्ता, एसडीओ सुनील कुमार दूबे, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर सुरेश कुमार, संजीव कुमार, सब इंस्पेक्टर पारसराम जाखड़, जितेंद्र सिंह यादव, वीडीओ ओपी यादव, एसओ बौंडी मनोज कुमार राय सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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