बहराइच 15 जुलाई। कृषि विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा कृषक उत्पादक संगठन नीति, 2020 के क्रियान्वयन की दिशा में 13 जुलाई 2021 को ‘‘फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियों के निदेशकों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण‘‘ कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में अपर मुख्य सचिव (कृषि)डा0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव(सहकारिता) बी0एल0मीणा, कृषि निदेशक विवेक कुमार सिंह, निदेशक उद्यान आर0के0 तोमर, निदेशक मण्डी, मुख्य व्यवसायिक प्रबन्धक नैब किसान के अतिरिक्त ग्राम्य विकास विभाग कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कृषि विभाग की टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के प्रतिनिधियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण में प्रदेश के सभी 75 जनपदों के एन0आई0सी0 केन्द्रों पर कृषि व सम्बद्ध विभागों के साथ-साथ जनपद में पंजीकृत कृषक उत्पादक संगठनों के निदेशकों व प्रतिनिधियों द्वारा उत्साह के साथ प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विभाग की संचालित योजनाओं दृष्टि योजना, फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग केन्द्रों के साथ-साथ प्रमाणित बीज, कीटनाशी रसायनों तथा उर्वरक बिक्री केन्द्रों की स्थापना हेतु लाइसेन्स निर्गत किये जाने की प्रक्रियाओं पर विभागीय अधिकारियों द्वारा विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव (कृषि) डा0 देवेश चतुर्वेदी द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपनी योजनाओं व कार्यक्रमों जिनसे कृषक उत्पादक संगठनों से जोड़ा अथवा लाभान्वित किया जा सकता है, विषयक दिशानिर्देश जनपद के अधिकारियों को अवश्य प्रेषित करें। उन्होंने कृषक उत्पादक संगठनों से अपेक्षा की कि वह अपना डेटापोर्टल पर उपलबध करा दें जिससे कि आगामी माह में कराये जाने वाले मण्डल स्तरीय कार्यक्रम में वो प्रशिक्षित हो सके। कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों के कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा इंगित किये गये बिन्दुओं/सुझावों को संकलित कर उन पर कार्यवाही/समाधान किये जाने के निर्देश अपर मुख्य सचिव, कृषि द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख सचिव, सहकारिता द्वारा कृषि अवसंरचना निधि योजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए अवगत कराया गया कि कृषक उत्पादक संगठनों को विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों हेतु बैंक से ऋण प्राप्त करने पर अधिकतम 2 करोड़ तक की ऋण धनराशि पर 3 प्रतिशत का ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस योजनान्तर्गत कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा फार्म मशीनरी बैंकों सहित 17 प्रकार के कार्यो हेतु ऋण लेने पर भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है। इस कार्यक्रम में नैबकिसान(नाबार्ड) के श्री राजशेखर द्वारा बताया गया कि यह कम्पनी कृषक उत्पादक संगठनों को उनकी व्यवसायिक गतिविधियों को संचालित करने हेतु तीन प्रकार के ऋण प्रदान करती है।इस हेतु कृषक उत्पादक संगठनों को नाबार्ड के जनपदीय अधिकारियों से सम्पर्क कर लाभ उठाना चाहिए।
कार्यक्रम में निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया गया कि प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से सब्जियों, फूलों व फलों की खेती में नवीन तकनीकी अपनाकर अधिक आयपरक बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कृषक उत्पादक संगठनों को खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ मूल्य संवर्धन व मूल्य श्रृंखला स्थापित करने की विशेष आवश्यकता है। उन्होंने नर्सरी, पालीहाउस के साथ-साथ उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के विषय में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। इसके अलावा अन्य अधिकारियों द्वारा भी अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण प्र्रदान किया गया।
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