उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा कक्षा 10 और 12 के परिणाम जारी होने से पूर्व ही पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा तिथि समाप्त हो चुकी है
प्रदेश में प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ से संबद्ध सरकारी अनुदानित व निजी क्षेत्र की पालीटेक्निक संस्थाओं में शैक्षिक सत्र 2021.22 में प्रवेश के लिए आवेदन करने की समय सीमा दो बार बढ़ाई जा चुकी है ,15 जुलाई से 25 जुलाई 2021 और फिर 30 जुलाई 2021 कर दी गई थी।
सरकार की नीति और नियति में मतभेद क्यों है ?
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा भर्ती चयन बोर्ड इलाहाबाद द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम कक्षा 10 और 12 का रिजल्ट आने से पहले ही पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा का अंतिम तारीख खत्म हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के छात्रों को टेक्निकल शिक्षा से दूर क्यों रखना चाहती हैं? उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियां कहती है कि टेक्निकल क्षेत्रों में शिक्षित बेरोजगारों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाए और उनके कौशल विकास को बढ़ाया जाए। वहीं पर सरकार की खोट नियति से यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार दलितों पिछड़ों और गरीबों के बच्चों के भविष्य के बारे में नहीं सोच रही है यदि सोचती तो पुनः इस संबंध में विचार जरूर करती । आज प्रवेश परीक्षा की दशा यह है कि प्रवेश फार्म भरने की तिथि से पहले ही प्रवेश की अंतिम तिथि खत्म हो जाती है और सरकार बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करती है।
वर्तमान सरकार छात्रों के और भविष्य की तरफ बिल्कुल नहीं देखती है। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश कक्षा 10 और 12 का परिणाम अगस्त के पहले सप्ताह में घोषित किया गया था जबकि पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा का अंतिम तिथि पहले ही समाप्त कर दिया गया।
मैं सरकार से सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार बच्चों का भविष्य बर्बाद करना चाहती है? यह समझ में नहीं आता एक तरफ कहती है मैं बच्चों के कौशल का विकास करना है और दूसरी तरफ छात्रों के भविष्य को चौपट कर रही है। आज वर्तमान सरकार की नीति और नियति में फर्क स्पष्ट नहीं है।यदि नीति और नियति में फर्क होता तो भारत विकास की तरफ उन्मुख होकर जलवे बिखेर रहा होता। लेकिन आज देश प्रदेश की यदि नीति और नियति सही होता तो यह वीर जवानों का देश सोने की चिड़िया कहलाता।
आज देश के नेता अपने बच्चों को बड़े-बड़े स्कूलों में पढ़ाते हैं जब गरीब घर के बच्चों की बारी आती है तो उनके भविष्य के बारे में सोचना बंद कर देते हैं और उनके स्कूल कॉलेज के बारे में सोचते तक नहीं है। सरकार को सोचने का समय आ गया है अभी नहीं तो कभी नहीं वक्त किसी का गुलाम नहीं होता है यदि प्रदेश और देश का उन्नति करना हो तो देश की नियति और नीति स्पष्ट होनी चाहिए छात्रों और नागरिकों के हित में होना चाहिए जिससे कि देश का नाम रोशन हो सके और देश में बेरोजगारी,भुखमरी, भ्रष्टाचार जैसी बीमारियों का अंत हो सके।
यह कि प्रदेश में प्राविधिक शिक्षा परिषद लखनऊ से संबद्ध अनुदानित व निजी क्षेत्र की पालीटेक्निक संस्थाओं में शैक्षिक सत्र 2021.22 में प्रवेश के लिए आवेदन करने की समय सीमा दो बार बढ़ाई गई।15 से 25 जुलाई और फिर 30 जुलाई कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा भर्ती चयन बोर्ड इलाहाबाद द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम कक्षा 10 और 12 का रिजल्ट आने से पहले ही अंतिम तारीख खत्म। इस लेख के माध्यम से सरकार को अवगत कराना चाहता हूं कि पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा की तिथि को और बढ़ाया जाना चाहिए जिससे कि गांव गरीब क्षेत्र के बच्चे अपने कौशल भविष्य को उज्जवल कर सकें जब देश के होनहार छात्रों के भविष्य उज्जवल होंगे तो प्रदेश ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन होगा बेरोजगारी जैसे भयंकर बीमारी से मुक्ति मिलेगी और देश दिन पर दिन तरक्की करेगा और आगे बढ़ेगा सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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