बहराइच 20 अगस्त। जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ ने बताया कि गुणवत्तायुक्त शाकभाजी उत्पादन के लिए समय सामयिक महत्व के कीटो का उचित समय पर प्रबन्धन नितान्त आवश्यक है। वर्तमान में तना बेधक कीट तथा फल बेधक कीट द्वारा बैगन, भिण्डी एवं कुकरविट्स (कद्दू, लौकी, तरोई, करेला, टिण्डा, खीरा) आदि फसलों को अत्यधिक क्षति पहॅुचाने की सम्भावना होती है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि तना बेधक कीट बैगन एवं कुकरबिट्स (कद्दू, लौकी, तरोई, करेला, टिण्डा, खीरा आदि) की फसलों में तना में छेंद कर हानि पहॅुचाता है। क्षतिग्रस्त वाली जगहों पर भूरे रंग का गोंद जैसा स्राव निकलता है। प्रभावित गॉठ के ऊपर शाखाएॅं सूख जाती हैं। फल मक्खी फलों में डंक मार कर अण्डे देती हैं, जिससे सूड़िया निकल कर फलों को सड़ा देती हैं तथा फलों का आकार टेड़ा-मेड़ा छिद्रयुक्त हो जाता है।
बचाव, नियंत्रण एवं उपचार के बारे में जानकारी देते हुए श्री पारसनाथ ने बताया कि तना बेधक/फल बेधक कीट नियंत्रण हेतु कीट से प्रभावित सूखे तने एवं फल को तोड़कर जमीन में दबा़ देना चाहिए। ट्राइकोग्रामो के 2-3 कार्ड को प्रति हेक्टेयर साप्ताहिक अन्तराल पर खेत में लगाने से कीट का प्रकोप कम हो जाता है। बचाव हेतु 4 प्रतिशत नीम की गिरी (40 ग्राम नीमगिरी का चूर्ण एक ली0 पानी में) का घोल बनाकर 10 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करना चाहिए। फल मक्खी के प्रकोप को रोकने के लिए मैलाथियॉन 50 ई0सी0, 02 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें, अगर फल मक्खी का प्रकोप सतत् हो तो 10 दिन के अन्तराल पर दोबारा छिड़काव दोहरायें। मटमैले-भूरे रंग के महीन कीट जिन्हें चैक या मोयला (एफिडस) के नाम से जाना जाता है। यह पत्तियों का रस चूसकर फसल की वृद्धि एवं उत्पादन को प्रभावित करते हैं। इनके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोरोपिड 200 एस.एल. 0.3 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा 10 मीटर के अन्तराल पर फेरोमेन ट्रे-100 प्रति हेक्टेयर की दर से लगाकर वयस्क नर नष्ट कर देना चाहिए।
फसलों में कीटनाशकों के प्रयोग के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि कीटनाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहॅुच से दूर रखना चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव करते समय हॉथों में दस्ताने, मुॅह में मास्क व ऑखों पर चश्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशी त्वचा व ऑखों में न जाय। कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का बेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने का विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए। कीटनाशक के खाली पाउच/डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।
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