Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Sunday, April 20, 2025 1:30:33 AM

वीडियो देखें

न्याय योजना’ में सीमांत किसानों को भी शामिल करें सरकार : किसान सभा

न्याय योजना’ में सीमांत किसानों को भी शामिल करें सरकार : किसान सभा
/ / से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

अ. भा. किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने ग्रामीण भूमिहीन परिवारों के लिए बनाई गई ‘न्याय योजना’ में सीमांत किसानों को भी शामिल करने की मांग की है।

आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि भूमिहीन ग्रामीण परिवारों के लिए ‘न्याय योजना’ में पात्रता की जो शर्तें रखी गई है, उसमें संपूर्ण कृषि भूमिहीनता के नाम पर सीमांत किसानों को इस योजना के दायरे से बाहर रखने से इस योजना के औचित्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाता है। इससे 18 लाख ग्रामीण परिवारों को सरकार की मदद मिलने का दावा भी संदेह के घेरे में है।

उन्होंने कहा है कि प्रदेश में 30 लाख सीमांत किसान परिवार है। इनमें से 22 लाख किसान परिवारों के पास एक एकड़ से भी कम कृषि भूमि है और इनका गुजारा खेतों और मनरेगा में मजदूरी करके, वनोपज संग्रहण और अन्य शारीरिक श्रम के जरिये ही होता है। सरकारी सर्वे के अनुसार, यही वह तबका है, जो जिसे न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी लाभ नहीं मिलता और पलायन का शिकार भी होता है। लगभग भूमिहीनता से ग्रस्त यह तबका योजना के लिए पात्रता की सभी शर्तें पूरी करता है। किसान सभा नेताओं ने कहा है कि कृषि अर्थशास्त्र में भी इन अति-सीमांत किसान परिवारों को भूमिहीन किसानों की श्रेणी में ही रखा जाता है, इसलिए इस तबके को ‘न्याय योजना’ के दायरे से बाहर रखने से पूरी योजना की उपादेयता और औचित्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाता है।

किसान सभा नेताओं ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मात्र 200 करोड़ रुपये आबंटित करने को भी अपर्याप्त बताया है और कहा है कि इससे केवल 3.33 लाख ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को ही मदद दी जा सकेगी, जबकि इस योजना के संपूर्ण क्रियान्वयन के लिए कम-से-कम 1000 करोड़ रुपयों की जरूरत है।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *