बहराइच 08 सितम्बर। परिवार नियोजन इन्डैमिनिटी योजना के अन्तर्गत भुगतान की जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि हेतु विगत 03 वर्षों में महिला नसबन्दी से सम्बन्धित 39 आवेदन-पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय, बहराइच के स्तर पर प्राप्त हुए थे। एफ.पी.आई.एस. स्कीम के अन्तर्गत नसबन्दी के लाभार्थियों को नसबन्दी के कारण उत्पन्न हुई जटिलता/असफलता/मृत्यु के प्रकरणों में क्षतिपूर्ति दिये जाने का प्राविधान है।
उल्लेखनीय है कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को प्राप्त होने वाले 39 क्षतिपूर्ति दावों के परीक्षणोपरान्त जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की अध्यक्षता में गठित समिति जिसे संयोजक सी.एम.ओ., सदस्य सचिव ए.सी.एम.ओ., स्त्री रोग विशेषज्ञ व सर्जन सदस्य द्वारा अनुशंसा प्रदान किये जाने के उपरान्त विगत 03 वर्ष के लम्बित दावों का निस्तारण करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। इस सम्बन्ध में डीएम डॉ. चन्द्र ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह को निर्देश दिया कि प्रभावी पैरवी कर सम्बन्धित को समय से क्षतिपूर्ति का भुगतान कराना सुनिश्चित करें।
ज्ञातव्य हो कि मा. उच्चतम न्यायालय में योजित रिट याचिका संख्या 95/2012 देविका विश्वास बनाम यूनियन आफ इण्डिया में पारित आदेश 14 सितम्बर 2016 के अनुपालन में एफपीआईएस स्कीम के अन्तर्गत नसबंदी के लाभार्थियों को नसबंदी के कारण उत्पन्न हुई जटिलता, असफलता एवं मृत्यु के प्रकरणों में वर्तमान में प्रदान की जाने वाले क्षतिपूर्ति की धनराशि 01 अपै्रल 2019 से दोगुनी कर दी गयी है।
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