उपलब्ध करायी जायेगी रू. एक लाख एक हज़ार की आर्थिक सहायता
कोविड-19 में प्रभावित, अनाथ व संकटग्रस्त बच्चें होंगे लाभान्वित
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
बहराइच 04 अक्टूबर। जिला प्रोबेशन अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है फिर भी इस महामारी के कारण बड़ी संख्या में जनहानि हुई है एवं अनेक बच्चे प्रभावित/अनाथ/संकटग्रस्त हो गये है। कोरोना महामारी के दौरान संकटग्रस्त हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा व्यवस्था हेतु प्रदेश में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारम्भ की गयी है। जिसके तहत कोरोना-19 के संक्रमण से प्रभावित उक्त श्रेणी की सभी पात्र बालिकाओं के विवाह हेतु रू. 101000/-(एक लाख एक हजार रूपये) आर्थिक सहायता/अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जायेगी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि उक्त जोखिम मे आने वाले ऐसे सभी बच्चों जिनके माता-पिता अथवा दोनो की कोविड-19 महामारी के संक्रमण/प्रभाव से मृत्यु हो गयी है, तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हे अपनाना न चाहें या अपनाने में सक्षम न हों, ऐसे संकटग्रस्त बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्साा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी के लिए किसी कार्य दिवस में कलेक्ट्रेट स्थित जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त कर रही बालिकाओं को ही उनके विवाह हेतु आर्थिक सहायता/अनुदान की धनराशि अनुमन्य की जायेगी। विवाह हेतु निर्धारित की गयी तिथि को वर की आयु 21 वर्ष तथा वधु की आयु 18 से कम नही होनी चाहिए तथा विवाह की तिथि के 90 दिन पूर्व से विवाह होने की तिथि के 90 दिन के अन्दर आवेदन किया जाना अनिवार्य है। श्री सिंह ने बताया कि 02 जून 2021 से पूर्व किये गये विवाह हेतु अनुदान देय नही होगा।
योजनान्तर्गत पात्रता की जानकारी देते हुए श्री सिंह ने बताया कि बालिका तथा इसके वर्तमान अभिभावक के नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन पत्र के साथ माता-पिता/वैध संरक्षक जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा कोविड-19 से मृत्यु सम्बन्धी साक्ष्य, वर व वधू का आय प्रमाण पत्र (किशोर न्याय बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा-94 मंे उल्लिखित प्रमाण पत्रों के अतिरिक्त परिवार रजिस्टर की नकल अथवा किसी सरकारी दस्तावेज की प्रति जिसमें आयु का उल्लेख हो। विवाह की तिथि नियत होने या सम्पन्न होने सम्बन्धी अभिलेख यथा विवाह का कार्ड। उत्तर प्रदेश के निवासी होने का प्रमाण। रू. तीन लाख से कम वार्षिक आय सम्बन्धित प्रमाण-पत्र परन्तु माता/पिता दोनों की मृत्यु होने की दशा में आय प्रमाण-पत्र आवश्यक नही है।
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