रुपईडीहा बहराइच। भारत के महाराष्ट्र व विभिन्न महानगरों में कोरोना की अप्रत्याशित रूप से आई बाढ़ को लेकर नेपाली नागरिकों तेजी से भारत से रोडवेज बसों व अन्य साधनों से नेपाल लौटने लगे हैं। ऐसे में पड़ोसी नेपाली शहर नेपालगंज के विभिन्न होटलों के दलाल व ई रिक्शा चालक इनका आर्थिक दोहन करने में लग गए हैं। इस संबंध में रोडवेज बस स्टेशन इंचार्ज आर के तिवारी ने रुपईडीहा पुलिस को कई प्रार्थना पत्र दिए। परंतु अभी तक कोई कारगर कार्यवाही नही हो सकी है। प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया गया था कि
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के रुपईडीहा स्थित बस स्टेशन पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में नेपाली यात्रियों का आवागमन बना रहता है। जैसे ही रोडवेज की बसें स्टेशन परिसर में प्रवेश करती हैं तभी नेपालगंज के होटल वालों के दलाल, रिक्शा, तांगा, टेम्पू व इनके साथ भारी संख्या में दलाल परिसर में घुस जाते हैं। नेपाली यात्रियों से अभद्र व्यवहार कर उनका सामान छीन कर अपने वाहनों में जबरजस्ती बैठा कर मनमाना किराया वसूलते हैं। हर वाहन पर 3, 4 दलाल भी मौजूद रहते हैं। कभी कभी इन नेपाली यात्रियों का सामान भी गायब हो जाता है। मेरे मना करने के बावजूद ये लोग आमादा फौजदारी हो जाते हैं। यही नही ये लोग बस स्टैंड के कुलियों से भी मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। अपने प्रार्थना पत्र द्वारा आर के तिवारी ने पुलिस सहायता की मांग की है। इतना ही नहीं रोडवेज की बस रुपईडीहा कस्बे के सेन्ट्रल बैंक चौराहा पर पहुंचते ही यह रिक्शा चालक, तांगा टेम्पू व होटलों के दलाल द्वारा बसों को चारों ओर घेर कर जबरदस्ती नेपाली यात्रियों का सामान उतारने लगते हैं। अगर कोई यात्री इसका विरोध करता है तो यह लोग कई प्रकार से धमकी यात्रियों को देते हैं। यही तांगा, रिक्शा व टेम्पू चालकों द्वारा यात्रियों से रुपईडीहा कस्बे से नेपाल सीमा बार्डर तक 2 हजार से 5 हजार रूपए तक जबरदस्ती वसूल लेते हैं। क्यों कि रिक्शा, तांगा, टेम्पू वालो के साथ 4 से 5 दलाल लगे रहते हैं। इसकी शिकायत कई बार स्थानीय पुलिस से नेपाली यात्रियों ने किया। परन्तु नतीजा कुछ नहीं निकला।
इस संबंध में रुपईडीहा प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक कांस्टेबल वीरेंद्र गुप्ता को ड्यूटी पर लगा दिया गया है। वे सुबह ही बस स्टेशन का निरीक्षण करते हैं। पुलिस बल कम होने के कारण अभी परमानेंट ड्यूटी नही लगाई जा सकी है। बैंकों की भी सुरक्षा का दायित्व पुलिस पर ही है। संख्या बल बढ़ने के बाद यहां स्थायी ड्यूटी लगाई जाएगी।
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