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Sunday, May 11, 2025 1:10:33 PM

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एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति की मांग : किसान सभा के नेतृत्व में भूख हड़ताल पर बैठे पीड़ित परिवार

एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति की मांग : किसान सभा के नेतृत्व में भूख हड़ताल पर बैठे पीड़ित परिवार
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार संजय पराते की रिपोर्ट

कोरबा। एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में पीड़ित परिवारों का अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू हो गया है। इन परिवारों के समर्थन में किसान सभा के कार्यकर्ता भी भूख हड़ताल में शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि पूरे एसईसीएल में अनुकंपा नियुक्ति के लगभग 400 प्रकरण लंबित बताए जा रहे हैं। किसान सभा का आटोप है कि उन्हें नौकरी देने में जानबूझकर देरी की जा रही है। पीड़ितों में अधिकांश आदिवासी और महिलाएं हैं।

भूख हड़ताल में ग्राम अमगांव, हरदीबाजार की चंद्रिका बाई कंवर नाम की एक आदिवासी महिला भी शामिल है। उसने बताया कि वह दो साल से अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग लेकर चक्कर काट रही है। गेवरा खदान विस्तार में उनकी कृषि भूमि अधिग्रहित होने के बाद उसके पति बेचू सिंह को नौकरी मिली थी। उसके पति की दो वर्ष पूर्व सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है। उसके बाद से वह अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रही है, जबकि नियमानुसार उसने सभी आवश्यक दस्तावेज अपने आवेदन के साथ एसईसीएल में जमा कर चुकी हैं। यह महिला अपने छोटे-छोटे बच्चों को साथ में लेकर भूख हड़ताल में बैठी है।

अनुकंपा नियुक्ति के मामले में किसान सभा द्वारा आंदोलन किये जाने की खबर मिलते ही अन्य पीड़ित परिवार भी आंदोलन स्थल पर जुट रहे हैं। इनमें धीराजा बाई भी है, जिनके पति की मृत्यु दो वर्ष पूर्व हो गई है और अजीत सिंह और अनिल कुमार भी है, जिनके पिताओं की मृत्यु पिछले वर्ष हो गई थी। आसपास के ग्रामीणों का भी समर्थन इस आंदोलन को मिल रहा है, क्योंकि पीड़ित परिवार उनके गांवों के निवासी गेन और ये ग्रामीण भी विस्थापन संबंधी मांगों पर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

आज की भूख हड़ताल में चंद्रिका बाई के साथ प्रशांत झा, जवाहर सिंह कंवर, शिवरतन सिंह कंवर आदि किसान सभा नेता भी बैठे हैं। आंदोलन स्थल पर माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर भी डटी हुई है। उनके साथ दीपक साहू, दामोदर, जय कौशिक, रेशम, नंदलाल, दिलहरण बिंझवार, सत्रुहन दास, बसंत, उमेश, मोहपाल, बृजपाल, संजय, पुरषोत्तम, विशंभर, देव कुंवर, गणेश कुंवर, यशोदा, रुशा आदि ग्रामीण और किसान सभा कार्यकर्ता भी आंदोलन स्थल पर पीड़ितों के समर्थन में डटे हुए हैं।

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