रुपईडीहा बहराइच। बांके जिले के नेपालगंज शहर में शनिवार को सिख समुदाय एक भव्य झाकी निकालकर अपना 323 वां खालसा साजना दिवस विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया। नेपालगंज के सुर्खेत रोड पर स्थित गुरुद्वारे से भव्य जुलूस निकला गया।
इस जुलूस में गुरु ग्रंथ साहब की की पूजा आराधना करते हुए महिलाएं, पुरुष व बच्चे बोले सो निहाल, सत श्री अकाल आदि नारे लगाते हुए कड़ी धूप में नंगे पैर नेपालगंज की सड़कों पर चल रहे थे। पानी का छिड़काव हो रहा था सिख संगत की महिलाएं सड़कों पर झाड़ू लगाकर पानी फैलाती देखी गयी।
इस जुलूस में पंच प्यारों की झांकी दर्शनीय थी। श्री गुरु नानक सिख सभा बांके के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह के तत्वाधान में यह भव्य आयोजन श्री गुरु नानक देव सेवा समिति कैलिफोर्निया यूएसए संहयोग से संचालित किया गया।
नेपालगंज में यह चौथी महानगरपालिका परिक्रमा है। कोषाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया 323 वर्ष पूर्व सन 1679 में खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। हमारे सिख समुदाय के कच्छा,कंघा, कड़ा, कृपाण व केश यह पांच आवश्यक वेश निर्धारित किए गए हैं। सिख परिवारों को यह चिन्ह समुदाय के आवश्यक वेश में शामिल किए गए हैं।
इस अवसर पर नेपालगंज की सड़कों पर पंजाब से आए गतका खेलने वालों ने प्रदर्शन दिखाया। लाठी खेलने वालों की टोलियां अलग प्रदर्शन कर रही थीं। तलवार बाजी के दांव भी दिखाए गए। पूरे विश्व में इसी दिन बैसाखी पर्व मनाया जाता है।
जुलूस में सबद, कीर्तन, गुरु ग्रंथ साहब का पूजन परंपरागत रूप से गुरुद्वारे में किया गया। लंगर का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए। समिति के सदस्य दलजीत सिंह, अमर सिंह व चरणजीत सिंह सहित सभी प्रमुख सिख नेताओं का सक्रिय सहयोग रहा। सिख समुदाय की महिलाएं व युवतियां, बच्चे पीले वस्त्र धारण किए हुए जुलूस में चल रहे थे। यह जुलूस नेपालगंज के विभिन्न मार्गों पर ले जाया गया।
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