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Monday, February 17, 2025 10:41:23 AM

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सरयू पम्प नहर सूखी होने से किसान नहीं डाल पा रहे धान की नर्सरी

सरयू पम्प नहर सूखी होने से किसान नहीं डाल पा रहे धान की नर्सरी
/ से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार वसीम अहमद की रिपोर्ट

रुपईडीहा बहराइच। सीमावर्ती विकास खण्ड नवाबगंज क्षेत्र की मुख्य सरयू पम्प नहर इस समय सूख गई है। जिससे किसान धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। सिंचाई विभाग की मानें तो नहरों में पानी छोड़ने का रोस्टर प्रणाली लागू है। रोस्टर के अनुसार निश्चित समय तक ही पानी की आपूर्ति हो रही है। नानपारा विधानसभा के चरदा सर्किल क्षेत्र किसानों की मुख्य फसल धान है। यहां की मिट्टी भी धान की खेती के लिए काफी मुफीद है। लेकिन नहर में जरूरत के समय पानी की आपूर्ति नहीं होने से किसानों को धान की खेती करने में समस्या आ रही है। इस दौरान सहाबा, साईंगावँ, करीम गावँ, जैतापुर, सोरहिया, जलालपुर, मकनपुर, गोपालपुर, बनकुरी, टिकुरी, नौव्वागावँ, कल्यानपुर, सलारपुर, सुजौली, रामनगर, बसंतपुर ऊदल, शंकरपुर आदि गाँवो के किसान धान की नर्सरी लगाने के लिए पूरी तरह तैयारी में है। बावजूद इसके पानी के आभाव में धान की नर्सरी नहीं डाल पाए हैं। रामनगर गाँव के वयोवृद्ध किसान अच्युता प्रसाद मिश्र कहते हैं। कि कृषि विभाग द्वारा धान की नर्सरी डालने का उपयुक्त समय 30 मई से 7 जून तक बताया गया है। लेकिन इस समय नहर में पानी नहीं है। जिससे धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। धान की नर्सरी समय से नहीं डाले जाने से उत्पादन भी प्रभावित होता है। किसान चाह कर भी उन्नतिशील खेती के लिए सही समय पर नर्सरी डालने में असमर्थ है। इसके लिए विभाग द्वारा लागू रोस्टर प्रणाली घातक साबित हो रही है। जब किसानों को पानी की ज्यादा जरूरत होगी तो पानी ही नहीं रहेगा। एक महीने पूर्व सरयू नहर में कुछ पानी बेजरूरत छोड़ा गया था। लेकिन जब किसान धान की नर्सरी डालने को खेत आदि तैयार करना शुरु किए तो नहर में पानी ही नहीं है। शंकरपुर गावँ निवासी जगमोहन शर्मा बताते हैं कि यदि समय पर नहर में पानी नहीं आया तो खरीफ की मुख्य फसल धान की उपज पर ज्यादा विपरीत असर पड़ेगा । कारण कि समय से नर्सरी ही नहीं पड़ेगी तो रोपाई भी पिछड़ जाएगी। जिसका सीधा असर धान की पैदावार पर पड़ेगा। टिकुरी के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह बताते हैं कि यदि जल्द ही नहर में पानी की आपूर्ति नहीं की गई तो किसान धरना प्रदर्शन को मजबूर होंगे।

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