गब्बर सिंह प्रकरण
रिपोर्ट : डी. पी.श्रीवास्तव
बहराइच। लगभग 65 आपराधिक मुकदमों के अपराधी देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह के ऊपर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह के साहसिक प्रयासों व वर्तमान पुलिस अधीक्षक के द्वारा लगातार की गई कार्यवाही किए जाने के परिणाम स्वरुप गत दिनों गब्बर पर तब भारी पड़ता दिखाई दिया था जब जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के निर्देश में गब्बर सिंह उर्फ देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ राजेश सिंह पुत्र रामपाल सिंह निवासी थाना पयागपुर बहराइच पर की गई कार्यवाही में उसकी लगभग 110 करोड़ की संपत्ति जप्त कर ली गई थी।
बावजूद जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही से असंतुष्ट विपक्षियों द्वारा अफसोस जताते हुए यह कहा जा रहा है कि की गई कार्यवाही नाम मात्र की है। जिससे उक्त माफिया का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। जिसकी शिकायत एक बार फिर विपक्षियों द्वारा प्रधानमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, डीजीपी उत्तर प्रदेश प्रशासन, प्रमुख सचिव ,(गृह) अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन, पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र गोंडा व नगर मजिस्ट्रेट बहराइच से की गई है।इस क्रम में अगर हम बात करें जिले के प्रतिष्ठित व चर्चित रहे डॉक्टर दिनेश सिंह की तो उन्होंने अपने बयान में साफ लिखा है कि माफिया देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह ने अपने गुर्गों के साथ जबरिया बलपूर्वक उनकी रायपुर राजा स्थित बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर लिया था।जिसके जेल जाने के बाद किसी तरह से एफ आई आर तो लिखवा दी गई लेकिन अब तक उन्हें उनकी जमीन हासिल नहीं हो सकी है।
जिस पर पिछले 10 वर्षों से गब्बर ने कब्जा कर रखा है। उनका कहना है कि उनकी जमीन को बेचने भी नहीं दी जा रही है।उनका साफ कहना है कि गत दिनों गब्बर व उनके साथियों के ऊपर गैंगस्टर एक्ट में 14(ए) की जो कार्यवाही की गई वह सिर्फ दिखावा है। वहीं पीड़ित रामदेव पुत्र जोखू निवासी थाना पयागपुर बहराइच का कहना है कि हमारे बाबा जोखू निषाद उक्त माफिया के यहां मजदूरी पर काम करते थे। लेकिन बाद में उनकी बीमारी की हालत में गब्बर द्वारा छल कपट कर उनसे 10 बीघा जमीन धोखाधड़ी करके लिखवा लिया गया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं जिसकी एफ आई आर . थाना पयागपुर में लिखवाई गई है। वर्तमान समय में हम लोग भूमिहीन हो गए हैं। जबकि पीड़िता सुधा मातन हेलिया का कहना है कि जिलाधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई में जो 110 करोड़ की संपत्ति जप्त की गई है उसमें से 25% भाग बिना मानचित्र पास करवाए अवैध तरीके से निर्मित कर लिया गया है। जिसका ध्वस्तीकरण करण अभी तक नहीं किया गया है। जिससे उक्त माफिया का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है।जिसमें 14 बिस्वा सरकारी जमीन जो राजस्व अभिलेखों में रास्ता के रूप में दर्ज है जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ से ऊपर बताई जा रही है।उक्त माफिया द्वारा प्रशासन से सांठगांठ कर उस पर निर्माण कर लिया गया है।माफिया के पास अभी भी करोड़ों की कई नामी व बेनामी संपत्ति पर कब्जा बरकरार है। जिसकी सूची जिला प्रशासन के पास भी मौजूद है।जिसमें से 11 जगहों की सूची दर्शाई जा रही है।थाना देहात कोतवाली अंतर्गत उसके द्वारा करवाए गए निर्माण में भी जबरन सरकारी रास्ते को बंद कर दिया गया है।उनकी यह भी शिकायत है कि उक्त माफिया की पत्नी सारिका सिंह के नाम पीडब्ल्यूडी में दर्ज रजिस्ट्रेशन के माध्यम से करोड़ों की ठेकेदारी का कार्य करवाया जा रहा है।जिस रजिस्ट्रेशन को निरस्त करवाया जाना सरकारी हित में नितांत आवश्यक है।उक्त माफिया यूपी स्तर का कुख्यात अपराधी है जिस पर सत्तापक्ष का दबाव भी बताया जा रहा है।जिसे बहराइच जेल से अन्य किसी जेल में स्थानांतरण किए जाने की गुहार लगाई गई है।उनका कहना है कि जेल में भी वह अपनी हनक पर प्रशासनिक लाभ लेता रहता है। जबकि पीड़ित गुरप्रीत सिंह द्वारा अपने शिकायती पत्र में लिखा गया है कि गब्बर का साथी मनीष जायसवाल भी शातिर किस्म का अपराधी है l।जिसके द्वारा कई जघन्य अपराध कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की गई है।जिसमें मकान भट्ठा व तमाम जमीन आदि शामिल है।उक्त अपराधी जेल से बाहर रहकर गवाहों को प्रभावित कर रहा है। जिस संदर्भ में एक मुकदमा थाना दरगाह शरीफ में भी दर्ज है। बावजूद तथ्यों को छुपाकर इसकी जमानत करवा दी गई।जबकि अपराधी देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर सिंह जिला कारागार से ही अपने गुर्गों के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के साथ-साथ अपनी पत्नी के रजिस्ट्रेशन पर ठेकेदारी का काम करवाता रहा है।अब सच्चाई जो भी हो लेकिन उच्चाधिकारियों सहित भारत सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार तक उक्त के संदर्भ में की गई शिकायत क्या रंग लाती है इसका इंतजार अभी करना होगा।
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