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Wednesday, April 30, 2025 9:06:42 AM

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पराली व फसल अवशेष प्रबन्धन बना कृषकों की आय का साधन जिले का पराली व फसल अवशेष प्रबन्धन दूसरे जिलो के लिए बनेगा मिसाल

पराली व फसल अवशेष प्रबन्धन बना कृषकों की आय का साधन  जिले का पराली व फसल अवशेष प्रबन्धन दूसरे जिलो के लिए बनेगा मिसाल
_____________ से स्वतंत्र पत्रकार _____________ की रिपोर्ट

 

अग्नि घटनाओं पर नियंत्रण के साथ लोगों को मिल रहा है रोज़गार

डीएम डॉ. दिनेश चन्द्र के प्रयास को मुख्य सचिव के सराहा

बहराइच 30 सितम्बर। जनपद में फसल अवशेष तथा पराली प्रबन्धन के लिए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र द्वारा किये गये नवाचार से आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में जहॉ एक ओर सैकड़ों किसानों को आर्थिक लाभ हो रहा है वहीं दूसरी ओर सैकड़ों लोगों को रोज़गार प्राप्त होने के साथ पराली जलाने की घटनाओं में भी अप्रत्याशित रूप से 61 प्रतिशत की कमी आने से फसलों इत्यादि की आर्थिक क्षति भी कमी आ रही है। पराली व फसल अवशेष के बेहतर प्रबन्धन से तमाम लाभों के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण में भी बेहतरी आ रही है। विगत मंगलवार को प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की वीडियो कांफ्रेंसिंग में जनपद में फसल अवशेष/पराली प्रबन्धन के लिए किये गये नवाचार पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र को प्रस्तुतिकरण का अवसर प्रदान किया गया था।

डीएम डॉ. चन्द्र ने बताया कि जनपद में पराली तथा फसल अवशेष प्रबन्धन के तहत लोगों को कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित ही नहीं किया गया बल्कि वर्ष 2020-21 में मनरेगा के तहत 70 व एसबीएम के तहत 30 तथा वर्ष 2021-22 में क्रमशः 81 व 367 कम्पोस्ट पिट का निर्माण कराया गया। जिसके लिए 917 मानव दिवस सृजित कर लोगों को रोज़गार भी मुहैय्या कराया गया है। पराली प्रबन्धन के परिणाम स्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनपद में अवस्थित अस्थायी गौआश्रय स्थलों में भी 1008 टन पुआल/पराली की व्यवस्था सुनिश्चित करायी गयी। गौशाला के उत्थान के लिए 1426 मानव दिवस का सृजन कर लोगों को रोज़गार भी उपलब्ध कराया गया।

डीएम डॉ. चन्द्र ने बताया कि फसल अवशेष तथा पराली प्रबन्धन के लिए संचालित किये गये सघन जनजागरूकता अभियान के परिणाम स्वरूप जनपद के कृषकों द्वारा धान, गन्ना, मक्का, सरसों, मसूर, अरहर, पेड़ों के पत्तों इत्यादि फसल अवशेषों की पब्लिक पार्टनरशिप के तहत मेसर्स विपुल इण्डस्ट्रीज रिसिया मोड़ को इनर्जी पिलेट्स बनाने हेतु बिक्री कर 03 वित्तीय वर्षों में 3965 कृषकों द्वारा रू. 02 करोड़ 04 लाख 68 हज़ार 972 रूपये की अतिरिक्त आय अर्जित की गई। आंकड़ों को वर्षवार देखा जाय तो वर्ष 2020-21 में सम्बन्धित इकाई द्वारा आच्छादित क्षेत्रफल 1950 हे. के सापेक्ष 9741 कु. फसल अवशेष का क्रय रू. 14 लाख 61 हज़ार 150, वर्ष 2021-22 में 4500 हे.क्षे. के सापेक्ष 22500 कु. फसल अवशेष का क्रय का रू. 45 लाख 75 हज़ार तथा चालू वर्ष 2022-23 में 18375 हे.क्षे. के सापेक्ष 44552 कु. फसल अवशेष का क्रय का रू. 01 करोड़ 54 लाख 32 हज़ार 832 का भुगतान किसानों को किया गया है।

जनपद में फसल अवशेष तथा पराली प्रबन्धन से प्रत्यक्ष रूप से विकसित हुए रोज़गार के अवसरों को देखा जाय तो विपुल इण्डस्ट्री में 50 व्यक्तियों के अतिरिक्त किसानों के खेत से फसल अवशेष एकत्र करने के कार्य हेतु 20 लोगों को रोज़गार प्राप्त हो रहा है। जनपद में ओडीओपी योजना के तहत गेहूॅ के डण्ठल से कलाकृति निर्माण से भी अधिकाधिक लोगों को रोज़गार के अवसर प्रदान करने हेतु गेहूॅ के डन्ठल से कलाकृति बनाये जाने हेतु 100 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। जबकि स्वयं सहायता समूहों के 200 सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिले में 10 लोगों द्वारा बाकायदा उद्योग के रूप में गेहूॅ के डण्ठल से कलाकृतियों का निर्माण किया जा रहा है।

वर्चुअल मीटिंग के दौरान मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश श्री मिश्र ने गोवंशों के संवर्द्धन के लिए नैपियर घास तथा पराली व फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए किये गये नवाचार के लिए डीएम डॉ. चन्द्र के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे न केवल फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में कमी आयेगी बल्कि पर्यावरणीय समस्याओं पर भी अंकुश लगेगा और भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी। मुख्य सचिव श्री मिश्र द्वारा पराली/फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए डीएम बहराइच द्वारा किये गये नवाचार को प्रदेश के अन्य जनपदों को भी अपनाये जाने का निर्देश दिया गया है।

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