मालामाल हो रहे हैं मिट्टी के अवैध खनन करने वाले खनन माफियां ,खनन माफियाओं के आगे प्रशासन बेबस
जेसीबी मशीन से अवैध तरीके से चीरा जा रहा धरती का सीना
रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बुलडोजर की धमक भले ही पूरे प्रदेश में व्याप्त हो परन्तु भारत नेपाल सीमावर्ती रुपईडीहा क्षेत्र में खनन माफियाओं का बुलडोजर मुख्यमंत्री के बुलडोजर पर भारी पड़ रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण रुपईडीहा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत रंजीतबोझा साईगांव, व अन्य क्षेत्रों में सरेआम दिन रात बड़े पैमाने पर जेसीबी मशीन से अवैध तरीके से धरती का सीना चीर कर मिट्टी खनन देखने को मिल रहा है। जिससे सरकार का लाखों रुपए प्रतिदिन राजस्व का नुक़सान हो रहा है। मिट्टी ढोने के लिए कई दर्जन ट्रैक्टर ट्रालियों लगायी गयी है। दिन रात लगातार ओवर लोडिंग कर मिट्टी ढोने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों से रंजीतबोझा चौराहे से जंगल जाने वाली सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे होकर क्षतिग्रस्त होने पर गत् रात लगभग 9 बजे रंजीतबोझा के ग्रामीणों ने अपने चौराहे पर इन ट्रैक्टर ट्रालियों को रोक दिया और कहा कि जब तक इस सड़क का गड्ढा नहीं सही करोगे तब तक ट्रैक्टर ट्राली नहीं चलने दिया जायेगा। जिससे खनन माफियाओं व ग्रामीणों में विवाद होने लगा। विवाद होता देख किसी ने थाने पर फोन किया। सूचना मिलते ही हल्का नम्बर एक के दो सिपाही मौके पर पहुंच गए और दोनों पक्षों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। उस समय वहां मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि हल्के के सिपाहियों ने मिट्टी का खनन कराने वाले ठेकेदार से हजारों रुपये सुविधा शुल्क लेकर वापस लौट गये और रात में ही मिट्टी खनन का कारोबार शुरू हो गया। इतना ही नहीं मिट्टी भरी इन ट्रैक्टर ट्रालियों से साईगांव से गोकुलपुर डामर मार्ग बुरी तरह से छतिग्रस्त हों चुका है। इसी तरह क्षेत्र में कई सड़क खराब हो चुकी है। इसके अलावा थाना क्षेत्र के कई स्थानों पर मिट्टी खनन कार्य जोरों पर है। जहां देखो वहां मिट्टी से लदे ट्रैक्टर ट्रालियां जा रही है। इस क्षेत्र में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है। स्थानीय अधिकारियों व पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से खनन हो रहा है। मिट्टी भरी ट्रैक्टर ट्रालियों चकिया रोड,मेन हाईवे, रुपईडीहा कस्बे में कतार कतार देखी जा रही हैं। क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा लगातार सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। प्रशासन पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुआ है। कई स्थानों पर दर्जनों ट्रैक्टर ट्रालियों पर ओवर लोडिंग मिट्टी लाद कर चल रही है जिससे सड़कों पर मिट्टी गिर जाती है जिससे काफी धूल उड़कर घरों व दुकानों में पहुंच जाती है। लोगों के स्वास्थ्य व आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है। ट्रैक्टर ट्रालियों की आवाज से गांवों के लोगों की दिन का चैन व रात की नींद हराम हो गई है। खनन माफियाओं के संबंध किन अधिकारियों से है यह पता नहीं चल रहा है। सूत्रों से पता चला है कि क्षेत्र के खनन माफिया पुलिस व नानपारा तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों से सांठगांठ करके अवैध मिट्टी खनन का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं खनन माफिया खेतों में दो ढाई फुट के स्थान पर 4, 5 फुट तक मिट्टी की जेसीबी मशीन से खुदवायी करवा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस समय मिट्टी खनन कराने वाले माफियां मिट्टी का रेट काफी बढ़ा दिया है। पहले यह मिट्टी किसानों के खेत से 8 हजार रुपये बीघा खरीद रहे थे जो अब इसका रेट खनन माफियाओं द्वारा दूना 16 हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है। तमाम शिकायतों के बाद यह मिट्टी रुपईडीहा बाजार व आसपास के क्षेत्रों में लाकर एक ट्रैक्टर ट्राली 600 रुपये से लेकर 700 रुपये तक बेच रहे हैं। इस क्षेत्रों में कई दर्जन ट्रैक्टर ट्रालियां चल रही है। तमाम शिकायत के बाद भी कोई भी संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अवैध मिट्टी खनन का कारोबार कई महीने से खूब फल फूल रहा है। जिधर देखो उधर मिट्टी की ट्रैक्टर ट्राली ही दिखाई दे रही है। उप जिलाधिकारी नानपारा से जब इस संबंध में बात करने की कोशिश की गयी तो उकका मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताता रहा। इस संबंध में जब क्षेत्रीय लेखपाल से पूछा गया तो उसने बताया कि क्षेत्र के कुछ किसानो ने मिट्टी खुदवाने के लिए परमीशन बनवाया है।जब कि ग्रामीणों का कहना है कि अगर परमीशन किसानों ने लिया गया है तो 2, ढ़ाई फुट तक ही मिट्टी खोदी जा सकती है। जबकि मिट्टी खनन का कारोबार करने वाले 4, 5 फुट तक मिट्टी खुदाई करा रहे हैं। परन्तु आज XDतक कोई अधिकारी जांच करने मौके पर नहीं आया।
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