रिपोर्ट : वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती रुपईडीहा क्षेत्र में तस्करी रोकने के लिए तमाम सुरक्षा एजेंसियां तैनात होने के बावजूद आखिर कैसे स्मैक,नशीले पदार्थ व अन्य प्रतिबंधित सामानों की तस्करी नेपाल को धड़ल्ले से जारी है। खुली सीमा होने के कारण कई गांव के रास्ते नेपाल से जुड़े हुए है और दिन के उजाले और रात के अंधेरे में सभी काम इन्हीं पगडंडियों के रास्ते से होते हैं। जबकि भारत नेपाल की पूरी सीमा पर चप्पे चप्पे पर सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी है।अब यह कैसे संभव है कि भारत नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को इसकी खबर ना हो। मुख्य मार्ग पर जांच का दायरा कैमरों के सामने ऐसा बढ़ाया गया है कि मानो ऐसा लग रहा हो कि रुपईडीहा में सब कुछ बेहतर चल रहा है।जबकि पीछे के रास्तों से हर तरह की स्मगलिंग बेखौफ धड़ल्ले से जारी है। बताते चलें कि रुपईडीहा इस समय उड़ता पंजाब हो रहा है बड़े स्तर पर रुपईडीहा से नेपाल स्मैक ड्रग्स और मादक पदार्थो की तस्करी होती है। जिसका खुलासा रुपईडीहा की स्थानीय पुलिस व नेपाल की नेपाली पुलिस ने कई बार पकड़ कर साबित कर दिया है कि रुपईडीहा सीमा पर इतनी सघन जांच के बावजूद नेपाल में स्मैक,मादक पदार्थ व अन्य प्रतिबंधित सामान पहुंच जाता है।आखिर ये कैसे सम्भव है।जमुनहा पुलिस ने इन दो सालों में दर्जनों लोगों को स्मैक के साथ पकड़कर यह साबित किया है कि रुपईडीहा सीमा पर जांच मात्र एक दिखावा ही है । हां यह जरूर है कि रुपईडीहा पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान के नाम पर फोटो खिंचवा कर उच्च अधिकारियों से अपना पीठ थपथपवाने का काम स्थानीय सुरक्षा एजेंसियां जरूर कर लेती है । रूपईडीहा में अभी तक जितने भी स्मैक पकड़ने से संबंधित प्रेस नोट मीडिया कर्मियों को मिले हैं उसमें एसएसबी का नाम संयुक्त टीम के रूप में ही रहा है । पूर्व में तैनात कमांडेंट द्वारा एसएसबी कुछ भी पकड़ती थी तो मीडिया कर्मियों को कवरेज के लिए बुलाया जाता था लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है । इससे यह प्रतीत होता है कि पुलिस के गुडवर्क में अपना नाम लिखवाकर एसएसबी क्रेडिट लेने की कोशिश करती है। मेन हाईवे पर स्थित बीओपी पर जांच के नाम पर हर तरह से भारत व नेपाल के नागरिकों को परेशान किया जा रहा है।
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