जौनपुर :श्रम आयुक्त के आदेशों की उड़ाई गई धज्जियाँ, नहीं सफल हुई साप्ताहिक बंदी,श्रम निरीक्षक के मनमाने पन के कारण खुली रही दुकाने, पत्रकार को कवरेज करने पहुच कर फोटो खींचने पर श्रम निरीक्षक रीना पत्रकारों से उलझ गई और खबर कवरेज करने व फोटो खींचने से मना किया।कहा बिना पुछे फोटो वीडियो मत बनाइए।
रिपोर्ट : फिरोज खान पठान
मड़ियाहूं। स्थानीय नगर की साप्ताहिक बंदी गुरुवार को श्रम विभाग के तरफ से घोषित की गई है परंतु यहां की साप्ताहिक बंदी श्रम विभाग की लापरवाही के चलते कभी भी सफल नहीं हो रही है विगत कई महीनों से यहां पर नियुक्त श्रम निरीक्षक ने मडियाहू कस्बे में आकर एक बार तो अपना हाव भाव प्रकट तो किया परंतु वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो गई उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया और बंदी नाम की कोई चीज नहीं रह गई।
जबकि इसके संबंध में जिलाधिकारी जौनपुर व श्रम आयुक्त ने श्रम विभाग के निरीक्षकों को सख्त आदेशित किया है कि जहां भी बंदी हो वहां पर इसका सफलता पूर्वक अनुपालन कराया जाए जो इसका अनुपालन नहीं कराएगा तो उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा। परंतु वर्तमान में मौजूद श्रम निरीक्षक रीना के मनमाने पन को आज गुरुवार को देखने को मिला कि नगर की कई बड़ी दुकाने खुली रही जहाँ पर श्रम निरीक्षक पहुची और कोई एक्शन नही लिया और छोटे दुकानदारों को बंद कराने लगी और चालान काटने लगी इस विरोधाभास को लेकर व्यापारी आक्रोशित होकर घेराव कर लिया।
और कहा कि ऐसा भेद भाव क्यो किया जा रहा है इसी दौरान कुछ पत्रकार भी कवरेज करने पहुच कर फोटो खींचने लगे तो इसपर भी श्रम निरीक्षक रीना पत्रकारों से उलझ गई और खबर कवरेज करने व फोटो खींचने से मना कर रही थी।जब पत्रकारों ने इस भेद भाव पर जानकारी हासिल करने के लिए पूछ ताछ करने लगे तो अपनी गाड़ी में बैठ कर नौ दो ग्यारह हो गई।इस भेद भाव का खेल खेल रही श्रम निरीक्षक रीना से नगर के व्यपारी काफी आक्रोशित है जो कि नगर में इसकी सर्वत्र चर्चाये व्याप्त है।लोगो ने जिलाधिकारी जौनपुर व श्रम आयुक्त का ध्यान आकृष्ट करते हुए मांग किया है कि श्रम निरीक्षक के भेद भाव की नीति पर अंकुश लगाते हुए यहां की साप्ताहिक बंदी सफल कराए।
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