चित्तौड़गढ़18 सितम्बर। चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं उपखण्ड के दुगार ग्राम में डाल चन्द सालवी जो कि बुजुर्ग व्यक्ति है, बगड़ावत पढने गाने का काम करता है, को दुगार एवं आसपास के गाँवों के असामाजिक तत्वों ने सार्वजनिक रूप डरा धमकाकर कर माफ़ी मांगने के लिए विवश किया एवं जूतों की पोटली सिर पर रखवाकर माफी मंगवाई जाने की घटना चित्तौडगढ जिले के पारसोली थानान्तर्गत दुगार गांव मे सरे आम घटित होने पर दलित बहुजन वर्ग मे गहरा आक्रोश है तथा भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संरक्षक निर्मल देसाई तथा जिलाध्यक्ष मदन सालवी ओजस्वी तथा अम्बेडकर विचार मंच संस्थान के संस्थापक संयोजक छगनलाल चांवला, तथा बामसेफ के राष्ट्रीय पदाधिकारी रामावतार मीणा, सीताराम मीणा प्रतापगढ़ , गौरव जाटव छोटीसादडी, अशोक मीणा, बडीसादडी, शंकरलाल मीणा प्रतापगढ, विनोद मीणा बडीसादडी, गोविन्द मीणा बडीसादडी, भैरूलाल बैरवा चित्तौडगढ तथा भैरूलाल मीणा मुरोली, गंगाराम मेघवाल चितौडगढ, मेवालाल सालवी चित्तौडगढ, तथा शांतिलाल मेघवाल ,नाना लाल रेगर आदि अनेकों गणमान्यजन ने जिला पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ से भेंट कर उक्त घटनाक्रम की निन्दा करते हुए दोषी लोगों के विरूद्व कार्यवाही की मांग की।
चित्तौडगढ जिले के पारसोली थानान्तर्गत दुगार गांव मे एक बुज़ुर्ग व्यक्ति डालचन्द बलाई जो कि बगड़ावत पढने गाने का कार्य करता है। को गांव के बीच मे खडा कर सिर पर जुते रखवा कर सरे आम खाफ पंचायत के फैसले के तहत माफी मंगवाई गयी जो कि लोकतंत्र मे अतिनिन्दनीय एवं उक्त घटना सामन्तवाद को बढावा देने वाली है।
ये कृत्य असंवैधानिक हैं न्याय एवं दण्ड का कार्य न्यायालय का हैं न कि किसी खास पंचायत का, इस तरह अलोकतांत्रिक कृत्य से पूरा परिवार डरा सहमा हुआ है रूढ़िवादी मानसिकता के लोग,असामाजिक तत्व परिवार की जानमाल को नुकसान करने को आमादा हैं ,करेड़ा तहसील के सुलिया ग्राम के निवासी भीरूलाल गुर्जर ने भी इस प्रकरण को ले कर परिवार और समाज के लिए तालिबानी आडियो जारी कर अनुसूचित जाति के लोगों को मारने की धमकी दी है, जिससे अनेको परिवार डरे हुए है। पुलिस प्रशासन को उक्त प्रकरण पर तुरन्त कार्यवाही कर भय के वातावरण से परिवार को निकालने तथा अपराधियो के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की मांग की जाती है। इस तरह की घटनाओं से दलित समाज खेदित है, पीडित है। दुखी हैं दलितों के विरुद्ध जानबूझकर ऐसी अमानवीय गतिविधियों को असामाजिक तत्वों के द्वारा प्रशासन के अनुसार देखी निष्क्रिय होने से चित्तौड़गढ़ जिले में ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही रोकथाम की व्यवस्था की जाने की मांग की तथा इस तरह की घटना की पुनरावृति देश भर मे कहीं भी नही हो इसकी पुख्ता कार्यवाही की मांग की गयी। इस संबंध मे कार्यवाही हेतु राज्य के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक एवं मानवाधिकार आयोग से भी की गयी है।
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