रिपोर्ट : जितेन्द्र कुमार खन्ना.
विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय लखनऊ से
लखनऊ l हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह अलमारूफ दादामियाँ र0अ0 के 116वें सालाना उर्स का आगाज निहायत ही शान ओ शौकत के साथ आज से वजावते तौर से शुरू हो गया है।
इस दरगाह की सबसे बड़ी बात ये है कि यहाँ सालाना उर्स के मौके पर देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु आते है और अपनी आस्था का इजहार करते हैं.
दादा मियाँ र0अ0 ने दुनिया के सामने ऐसी मिसाल पेश की जिसकी रौशनी हर तरफ बिखरी हुई है।
आपने अपनी बहुत छोटी सी जिन्दगी में इतना काम कर दिखाया जिसकी मिसाल आज के जमाने में मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
इसकी जीती जागती मिसाल मुल्क व बैरूने मुल्क में लाखों की संख्या में फैले हुये आपके मुरीद और अकीदतमन्द हैं ।
आपका सिलसिला सिलसिला-ए-जहाँगीरीया है। जो सिलसिला-ए-कादिरीया, चिश्तिया, सोहरवर्दीया, फिरदौसिया, नक्शबन्दीया अबुलउलाईया के मजमूआ का नाम है।
हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह दादा मियाँ का हर साल पाँच रोजा उर्स बड़ी शानो शौकत के साथ हुआ करता है।
इस साल ये उर्स 08 से 12 अक्टूबर 2023 बरोज़ इतवार से जुमेरात आस्ताना दादामियाँ मॉल एवेन्यू में होगा, जिसमें जिक्र, मीलाद शरीफ तरही मुशायरा, चादरपोशी, हल्का ए जिक्र, महफिले समा, आलमी सेमिनार रंगे महफिल,
गुस्ल व संदल शरीफ का प्रोग्राम होगा, जिसमें शरीक होने के लिए मुल्क भर से हजारों लोग तशरीफ लायेंगें और अपनी मुरादें हासिल करेंगें.
उर्स में आये हुये लोगों की तालीम का भी खास ख्याल रखा जाता है।
इसी के उपलक्ष्य में एक आल इण्डिया सेमिनार का प्रोग्राम भी होगा, जिसका उनवान हुसूले मारिफत और शाहे रजा होगा जिसके जरिये दादामियाँ की तालीम को लोगों के सामने लाया जाएगा।
जिसमें मशहूर ओ मारूफ इस्लामिक स्कालर मोहतरम जनाब प्रोफेसर ख्वाजा मोहम्मद इकरामउद्दीन साहब जवाहर लाल नेहरू यूनिर्वसिटी, देहली से तशरीफ ला रहे हैं।
इसके अलावा लखनऊ व आसपास के जिले के उलमाए किराम तशरीफ ला रहें हैं।
सेमिनार के जरिये दादा मियाँ की तरह जिन्दगी गुजारने का तरीका बताया व सिखाया जायेगा और उसी के साथ-साथ प्रिन्ट मीडिया वर्किग जर्नलिस्ट एसोसिएशन की तरफ से 10 अक्टूबर को शाम 5 बजे दरगाह शरीफ में चादर पेश की जायेगी।
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