बरेली के मीरगंज में बहरोली गांव में करीब सवा 3 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड ने आज बरेली कोर्ट में फांसी की सजा सुनाई गई है। यह घटना बरेली के मीरगंज में 13 अक्टूबर 2020 को हुई थी।
अधिवक्ता बेटे दुर्वेश ने मां मोहन देवी व पिता लालता प्रसाद का मर्डर किया था। जिसमें अधिवक्ता दुर्वेश के दूसरे भाई उमेश कुमार ने मीरगंज में केस दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने इस घटना का खुलासा करते हुए आरोपी दुर्वेश को अरेस्ट किया। जेल जाने के बाद बेटे की जमानत नहीं हुई। घटना 13 अक्टूबर 2020 की है। दुर्वेश कुमार पेशे से अधिवक्ता रहा, उसके सगे भाई अधिवक्ता उमेश कुमार ने मीरगंज में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें दंपति क बेटे उमेश कुमार ने कहा कि संपत्ति के लालच में दुर्वेश ने माता-पिता की हत्या कर दी थी। वादी उमेश कुमार के मुताबिक 13 अक्टूबर 2020 को वह अपनी पत्नी हेमलता गंगवार अपने माता-पिता के लिए चाय लेकर जा रहे थे। जब वह मंदिर के पास पहुंचे तो घर से फायर की आवाज सुनाई दी। जब घर के पास महिपाल के घर के पास पहुंचे थे तो हमने देखा सगा सगा भाई दुर्वेश कमरे से पिता के शव को कमरे में ले जा रहा था। उनकी चीख सुनकर आरोपी तमंचा लेकर उनकी ओर दौड़ा कि इतने में मां की भी गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके बाद दुर्वेश मां पिता की हत्या करने के बाद हथियार हाथ में लेकर फरार हुआ। जिला शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक सुनीति कुमार पाठक ने प्रभावी पैरवी की। इसके बाद साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। जेल जाने के बाद से ही दुर्वेश जमानत पर नहीं छूटा। सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मीरगंज के चर्चित प्रकरण जिसमें हत्यारे दुर्वेश ने अपनी मां मोहन देवी और पिता लालता प्रसाद की हत्या कर दी थी।
इस प्रकरण में मंगलवार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश के यहां इस केस की पैरवी उनके निर्देश पर अधिवक्ता सुनील कुमार पांडेय कर रहे थे। वह भी लगातार इस केस पर नजर बनाए हुए थे।
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