नौ दिन से लापता था छात्र, चट्टान पर दो पेड़ों के बीच अटकी हुई थी लाश
कोटा। नौ दिन पहले टेस्ट देने की बोलकर हॉस्टल से कोचिंग के लिए निकले लापता कोचिंग स्टूडेंट का शव कोटा के गरडिया महादेव मंदिर इलाके में मिला है। शव चट्टान पर 2 पेड़ों के बीच में अटका हुआ था। परिवार के 40 से 50 लोग और निगम की गोताखोर टीम लगातार स्टूडेंट को तलाश रही थी।
सिटी एसपी अमृता दुहन ने बताया कि सोमवार को जवाहर नगर SHO ने थाने व पुलिस लाइन की टीम के साथ गरडिया में सुबह से ही ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन चलाया था। स्टूडेंट के परिजन भी साथ में तलाश रहे थे। सोमवार शाम साढ़े 4 बजे रचित (16) का शव ढूंढने में कामयाबी मिली। जिस जगह पर स्टडेंट ने अपना सामान छोड़ा था, वहां से डेढ़ से दो किमी दूर एक चट्टान और पेड़ के बीच स्टूडेंट का शव अटका हुआ था। उस जगह जाना कठिन है। सम्भवतः ऊंचाई से गिरने से रचित बीच में अटक गया होगा। वहां से शव निकालने में काफी परेशानी हुई। बॉडी पुरानी होने से फूल चुकी थी। SDRF की टीम को मौके पर बुलाया गया। शव रात के करीब 9 बजे निकाला जा सका। रात में ही पोस्टमॉर्टम कराया गया।
11 फरवरी को हॉस्टल से निकला था
रचित एमपी के राजगढ़ स्थित ब्यावरा का रहने वाला था। एक साल से कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था। वो महावीर नगर प्रथम इलाके में हॉस्टल में रहता था। रविवार 11 फरवरी को दोपहर में हॉस्टल से टेस्ट देने के लिए निकला था। बैग भी साथ लेकर गया था। 12 फरवरी को उसका बैग, चप्पल, रस्सी, चाकू गरडिया महादेव मंदिर के आसपास मिला था। गरडिया महादेव मंदिर में टिकट विंडो पर लगे सीसीटीवी कैमरे में एंट्री टिकट लेते उसकी तस्वीर कैद हुई थी। इसके बाद SDRF ने मौके पर तलाशी अभियान चलाया। बाद में निगम की गोताखोर टीम चंबल नदी व जंगल में रोज रचित की तलाश में जुटी हुई थी। परिजन भी कोटा में ही रहकर रचित को तलाशने में लगे हुए थे।
बदबू से लगा पता
निगम गोताखोर, पुलिस के 60-70 जवान व परिजनों ने सोमवार सुबह से ही तलाश शुरू की। दुर्गंध आने पर रचित की डेड बॉडी का पता लगा। रचित की बॉडी 100 फीट नीचे एक चट्टान पर दो पेड़ों के बीच फंसी हुई थी। चंबल नदी में बोट के जरिए शव को कोटा आरएसी तक लाया गया।
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