रिपोर्ट : रियाज अहमद
पयागपुर बहराइच। पयागपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग ने शुरू किया ग्रीष्मकालीन सारस गणना, मोहम्मदपुर स्थित तालाब में 80 से अधिक संख्या में देखी गई सारस की संख्या, वन विभाग के वन क्षेत्राधिकारी हरिश्चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष शासन की तरफ से ग्रीष्मकालीन में भारत में यह सारस उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान असाम जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में अधिक संख्या में पाये जाते है, यह सारस पूर्णतया स्थानीय पक्षी है परंतु उनकी दो अन्य प्रजातियां उत्तर प्रदेश में सर्दियों में प्रवास के लिए आती हैं। उन्हें डेमो सेल केन व यूरेशियन केन के नाम से जाना जाता है। पौराणिक यह भी महत्व है कि, यह अनोखी राष्ट्रीय पक्षी सुहाग के प्रतीक भी माने जाते राजस्थान व गुजरात में आज भी शादी के बाद बर, बधू जोड़े में सारस को देखकर अपने दांपत्य जीवन को सुखमय की कामना करते हैं। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देशों पर दो दिवसीय सारस गणना शुरू किया गया है जिसके लिए डिप्टी रेजर योगेंद्र यादव टीम के साथ विशालकाय तालाबों पर पहुंचकर सारस गणना शुरू कर दिया है। डिप्टी रेंजर योगेंद्र यादव ने बताया कि तालाब बघेल की अपेक्षा मोहम्मदपुर स्थित तालाब में सारस कि काफी संख्या देखी गई तथा आसपास के तालाबों को चिन्हित किया गया है।
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