बेटी, मां, सैनिक और किसानों पर पढ़ी गई रचनाओं ने श्रोताओं को किया भाव-विभोर
-बूढ़ादीत में ग्रामालोक काव्य उत्सव सम्पन्न
बूढा़दीत के सूर्य मंदिर पर साहित्य अकादमी एवं मायड़ भाषा साहित्य सिरजण मंच बूढा़दीत के संयुक्त तत्वावधान में ग्रामालोक काव्य उत्सव कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन तथा अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ। सरस्वती वंदना कवि देवकी दर्पण ने सस्वर प्रस्तुत की। मायड़ भाषा साहित्य सिरजण मंच के संस्थापक साहित्यकार सीएल सांखला ने स्वागत भाषण दिया। साहित्य अकादमी परामर्श मंडल सदस्य एवं ग्रामालोक कार्यक्रम संयोजक चंदालाल चकवाला ने अकादमी कार्यक्रम की जानकारी दी। राजस्थानी भाषा की समृद्धि और मान्यता के प्रयासों से अवगत कराया।
ग्रामालोक के तहत अकादमी द्वारा नामित कवियों के अलावा ग्रामीण अंचल के कवियों ने भी राजस्थानी भाषा में काव्य पाठ किया। काव्य पाठ करने वाले कवियों में कवि रामस्वरूप रावत, महावीर प्रसाद मालव, कवि आरसी आदित्य, परमानंद गोस्वामी, मुकुट बिहारी मीणा के अलावा दीनबंधु मीणा, तेजकरण यादव, मनोज सोनी, पुष्कर चौधरी, महावीर सावंत, मुकेश कुमार शर्मा, महावीर रेनवाल, चौथमल प्रजापति, घासीलाल पंकज, सुरेश यादव, चतुर्भुज मालव, पप्पू मेघ, लक्ष्मीनारायण राठौर, मनीष मेहरा इत्यादि कवियों ने राजस्थानी भाषा में कविता पाठ किया। कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से भक्ति, प्रेम, श्रृंगार के साथ ही नशा, दहेज, रूढ़ियों पर भी तंज कसे। बेटी, मां, सैनिक और किसान पर पढ़ी गई रचनाओं ने सबको विभोर कर दिया। श्रोताओं द्वारा काव्य रचनाओं को खूब सराहा गया। अध्यक्षता भैरूलाल सुमन सरपंच, ग्राम पंचायत बूढा़दीत ने की।
ग्रामीण रचनाकारों को प्रोत्साहित करने वाला आयोजन
अध्यक्षीय भाषण में भैरूलाल सुमन ने ग्रामालोक कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह ग्रामीण रचनाकारों को प्रोत्साहित करने वाला आयोजन है। मायड़ भाषा साहित्य सिरजण मंच की ओर से कवि महावीर प्रसाद मालव ‘मार्मिक’ एवं कवि आरसी आदित्य ने आभार ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुप्रसिद्ध कवि देवकी दर्पण ने किया।
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