किसान सभा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
कोटा/ इटावा। अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से सोमवार को किसानों की समस्याओं को लेकर उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
किसान सभा के तहसील सचिव कमल बागड़ी ने राज्य सरकार से पीपल्दा क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते फसलों में हुए नुकसान की भरपाई बीमा कम्पनियों से करवाने के लिए पटवारियों को सर्वे करवाने का आदेश जिला कलक्टर कोटा और तहसीलदार पीपल्दा के माध्यम से जल्द जारी करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिन किसानों का फसल बीमा नहीं कटा हुआ है, उनको सरकारी आपदा कोष से मुआवजा राशि जल्द दिलाई जाए। सचिव कमल बागड़ी ने गैंता व नौनेरा पंचायत के किसानों और आमजन की सड़क की समस्या से अवगत कराया। कहा कि वर्तमान में नौनेरा पंचायत का बैंक, अस्पताल व अन्य सभी सरकारी कार्य गैंता पंचायत मुख्यालय पर होते हैं। जिसके लिए इनको 15 किमी का रास्ता तय करना पड़ता है। अगर गैंता से खरवन होते हुए नौनेरा रोड सरकार बन जाती है तो 5 किमी की ही दूरी तय करनी पड़ेगी।
ये रखीं अन्य मांगें
ज्ञापन में किसानों ने सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल करने, किसानों को फसल खराबे का सर्वे करवाकर मुआवजा देने, आवारा जानवरों की रोकथाम के लिए कायन हाउस, गौशाला आदि बनाने की भी मांग रखी।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
किसान नेता दिलीप राणावत ने चेतावनी दी कि अगर इन तीनों मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया तो किसान उग्र आंदोलन की तैयारी करेंगे।
प्रदर्शन करने वालों में ये रहे शामिल
उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देने वाले किसानों में किसान सभा अध्यक्ष महेंद्र सुमन, भवानी शंकर कुशवाह, भोजराज नागर, चेतन प्रकाश, प्रेमशंकर, अमोलक चन्द, नरोत्तम मीणा, दिलीप मोची, जितेंद्र मीणा, अजीत सिंह, सूरजमल बैरवा, रामचरण मीणा, कार्तिक, मयंक, सुनील, लोकेंद्र मीणा, कामरेड मुकुट बिहारी जंगम, मुरारीलाल बैरवा सहित दर्जनों किसान शामिल रहे।
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किसान जो अन्नदाता है सबका पेट भरता है वो आज केंद्र व राज्य की सरकारों की कॉर्पोरेट परस्त नीतियों के चलते आत्महत्या करने को मजबूर हो गया है।
-कमल बागड़ी, तहसील सचिव, अखिल भारतीय किसान सभा
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