ख़ुदादाद ख़ान मूनिस के व्यक्तित्व और कृतीत्व पर सेमीनार सम्पन्न
-वरिष्ठ शायर शकूर अनवर लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित
राजस्थान उर्दू अकादमी के संस्थापक सचिव, पूर्व नाज़िम अजमेर दरगाह एवं उर्दू के विख्यात विद्वान स्व.ख़ुदादाद ख़ान मूनिस के नाम से साहित्य को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से स्थापित संस्था बज़्मे-मूनिस के तत्वावधान में ख़ुदादाद ख़ान मूनिस फ़न ओ शख़्सियत पर सेमीनार एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की फ़ार्माकोलॉजी शाखा के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ ज़ेडवाई ख़ान ज़फ़र ने की।
कोटा विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की प्रो.नुसरत फ़ातमा ने ख़ुदादाद ख़ान मूनिस के कृतीत्व और व्यक्तित्व पर पत्र वाचन किया और कहा कि तारीख़गोई में ख़ुदादाद ख़ान मूनिस ने नए आयाम स्थापित किए। मूनिस साहब का उर्दू फ़ारसी और अंग्रेज़ी गद्य में बराबर का योगदान है और बहुभाषाओं में उनकी दक्षता का कोई सानी नहीं था। सांगोद से आए अफ़ज़ल अली अफ़ज़ल ने भी पत्र वाचन में बताया कि मूनिस साहब की शब्दावली दाग़ देहलवी के समकक्ष है। इनके अलावा मुफ़्ती शमीम अशरफ़ ने भी अपने विचार प्रकट किए़। कार्यक्रम में कोटा के वरिष्ठ शायर शकूर अनवर को लाइफ़ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. डॉ. ज़ेडवाई ख़ान ‘ज़फ़र’ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बज़्मे-मूनिस के कार्यों की प्रशंसा करते हुए ख़ुदादाद ख़ान मूनिस के जीवन से जुड़े संस्मरण साझा किए।
इन शायरों ने किया काव्य पाठ
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें नदीम अख़्तर, शमा फ़िरोज़, हंसराज चौधरी, रामनारायण मीणा हलधर, जमील कुरैशी, अफ़ज़ल अली, रियाज़ तारिक़, शबाना सहर, महेन्द्र नेह, फ़रीद नक़्शबंदी, हज़ारी लाल, किशन लाल वर्मा, डॉ. शबाना सहर आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। दोनों सत्रों का संचालन उर्दू के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायर फ़ानी जोधपुरी ने किया। कार्यक्रम के अंत में संस्था अध्यक्ष डॉ.ज़ेबा फ़िज़ा ने सभी का आभार प्रकट किया।
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