मची भगदड़, सरकार ने शुरू की राशनिंग, हर किसान को मिलेंगे सिर्फ दो कट्टे
कोटा/ इटावा। पीपल्दा विधानसभा के इटावा-खातौली क्षेत्र में रबी की फसलों की बुवाई के लिए किसानों को न खाद मिल रहा है और ना ही नहरी पानी। अगर कुछ मिल रहा है तो पुलिस की लाठियां। प्रशासन और पुलिस की इस कार्यवाही से किसानों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है।
किसानों ने बताया कि खरीफ की फसलें मौसम की मार से पहले ही खराब हो चुकी हैं। उनकी भरपाई के लिए किसानों को रबी की फसलों से उम्मीद थी। लेकिन अधिकारियों की अकर्मण्यता और सरकार की संवेदन हीनता के कारण किसानों में मायूसी है। रबी की फसलों से भी किसानों की उम्मीद टूटती नजर आ रही है। खाद आने की सूचना मिलते ही किसानों की भीड़ सहकारी समितियों पर पहुंच रही है। सुबह से ही किसान गोदामों पर लम्बी कतारें लगा रहे हैं। महिलाएं भी सारे काम छोड़कर खाद के लिए सुबह से ही क्रय-विक्रय समिति में लाइन लगाने को मजबूर हैं। लेकिन किसानों को खाद के बदले पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही हैं। क्षेत्र के तलाव ग्राम सेवा सहकारी समिति में खाद पहुंचने से पहले किसानों की लम्बी कतार लग गई। वितरण शुरू होते ही भारी अव्यवस्था हो गई। पुलिस ने लाठियां फटकार कर किसानों को तितर-बितर कर दिया। बाद में प्रशासन की मौजूदगी में खाद का वितरण किया जा सका। उधर अब सरकार ने डीएपी की राशनिंग शुरू कर दी है। किसानों को अधिकतम दो कट्टे ही डीएपी दिया जाएगा। उधर किसानों की भारी संख्या को देखते हुए सहकारी समिति अध्यक्ष कैलाश नागर ने प्रति किसान सदस्य एक-एक डीएपी खाद कट्टा देने को निर्णय किया। इस पर अव्यवस्था फैल गई और किसानों में रोष व्याप्त हो गया।
किसान संघ का इटावा में चक्का जाम कल
इधर खाद और पानी समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ की ने मंगलवार को तहसील अध्यक्ष हुकमचंद मीना व खातौली तहसील अध्यक्ष किशन गोपाल नागर के नेतृत्व में इटावा एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर इटावा एसडीएम प्रशिक्षु आईएस नयन गौतम को ज्ञापन दिया । ज्ञापन में इटावा ब्रांच कैनाल की फतहपुर फाल पर 55 सेमी का गेज चलाने की मांग की गई। साथ ही 15 नवंबर को स्टेट हाइवे 70 व वन ए सूखनी नदी इटावा बायपास पर चक्का जाम करने का निर्णय लिया। किसान संघ के प्रचार प्रमुख उमाशंकर नागर ने बताया कि धरतीपुत्रों को हर कदम पर कष्टदायी परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। नहरों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने के कारण खेत सूखे पड़े हुए हैं। पलेवा नहीं हो पा रहा है। वहीं जिन किसानों ने ट्यूबवेलों और नहरों से पानी दे भी दिया तो अब डीएपी खाद नहीं मिल रहा। ऐसे में फसलों की बुवाई का समय निकलता जा रहा है। जिससे किसान हताश, निराश व परेशान नजर आ रहे हैं। प्रशासन सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा।
तहसील अध्यक्ष हुकमचंद मीना व मंत्री अशोक जांगिड़ ने बताया कि नहरी पानी के साथ डीएपी खाद की किल्लत के चलते किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। किसान अपनी फसलों के लिए भूखे प्यासे खाद पाने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। वही खाद के साथ अन्य सामग्री दी जा रही है। जिसकी किसानों से अधिक राशि वसूली जा रही है।
8 नवंबर को दिया था ज्ञापन
किसान संघ के प्रचार प्रमुख उमाशंकर नागर ने बताया कि समस्या को लेकर 8 नवंबर को ज्ञापन दिया गया था। लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जिससे किसानों में आक्रोश है। किसानों का धैर्य टूटता जा रहा है। किसानों को सड़क पर आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं किसानों को फसल बीमा का भी लाभ नहीं मिल रहा है।
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