सरकार की किसान विरोधी नीतियों की कड़ी निंदा
कोटा कलेक्ट्रेट के सामने एसकेएम ने धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
कोटा। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कोटा संभाग के किसानों ने कोटा कलेक्ट्रेट के सामने समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कोटा को राष्ट्रपति मुर्मू के नाम मांग पत्र एवं ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने, खाद की सब्सिडी बहाल कर कालाबाजारी पर रोक लगाने, मनरेगा में काम के दिन 200 तथा भुगतान 600 रूपए प्रतिदिन दिए जाने, बकाया राशि का भुगतान किए जाने, कृषि पंपों, घरों व दुकानों के लिए निःशुल्क बिजली दिए जाने तथा किसानों के सभी कर्जे माफ किए जाने की मांगें प्रमुख थीं।
धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में किसानों की शान्ति पूर्ण सभाओं, रैलियों और प्रदर्शनों तथा दिल्ली जा कर अपनी मांगें रखने से पुलिस बैरिकेड लगा कर रोके जाने की कड़ी निंदा कर किसान आंदोलन का समर्थन किया। सभा में हाड़ौती अंचल के किसानों को गांवों और कस्बों में जा कर अपने अधिकारों के लिए जाग्रत करने का निर्णय भी लिया गया।
सभा को इन्होंने किया संबोधित
सभा को विभिन्न किसान संगठनों की ओर से बद्री लाल मीणा, रामभरोस मेघवाल, अब्दुल हमीद गौड़, नन्दलाल धाकड़, हंसराज चौधरी, बलदेव सिंह फौजी, महेन्द्र पांडेय, ओंकार नागर, रजिया बानो, धन्नालाल मीणा आदि ने संबोधित किया।
किसानों के समर्थन में ये रहे मौजूद
किसानों का समर्थन करने के लिए धरना स्थल पर विभिन्न श्रमिक, किसान, कर्मचारी और महिला संगठनों की ओर से लालचन्द सुमन, केसी जोलिया, हबीब खान, उमा शंकर, जया बाधवानी, नागेंद्र कुमावत, नारायण शर्मा, बलराम मीणा आदि उपस्थित हुए।
ज्ञापन देने वालों में ये रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय किसान सभा के दुलीचंद बोरदा, संयुक्त किसान संघर्ष समिति के नंद किशोर शर्मा, भारतीय किसान यूनियन के भगवती प्रसाद मीणा, अखिल भारतीय किसान फेडरेशन के महेन्द्र नेह एवं किसान सर्वोदय मण्डल के फतेहचन्द बगला शामिल रहे।
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