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Saturday, February 15, 2025 6:54:17 PM

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कृषि पर होगा पूंजीपतियों का अगला हमला: हिमांशु कुमार

कृषि पर होगा पूंजीपतियों का अगला हमला: हिमांशु कुमार

वर्तमान समय में गांधीवादी विचार की प्रासंगिता विषय पर परिचर्चा आयोजित

कोटा। कोटा की कुसुम बाल हितकारी संस्था के कार्यालय में शनिवार को सर्वोदय मंडल कोटा की ओर से गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर ‘वर्तमान समय में गांधीवादी विचार की प्रासंगिता’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध गांधीवादी कार्यकर्ता हिमांशु कुमार उपस्थित रहे। 

सर्वोदय मंडल कोटा के संभागीय संयोजक फतेहचंद बागला तथा महिला सर्वोदय मंडल अध्यक्ष कुसुम लता ने हिमांशु कुमार का स्वागत किया। परिचय देते हुए लोकतंत्र बचाओ आन्दोलन के प्रो. संजय चावला ने बताया कि हिमांशु कुमार स्वतंत्रता सेनानी प्रकाश भाई शर्मा के पुत्र हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी और विनोबा भावे के साथ मिलकर काम किया। कुमार ने दंतेवाडा जिले के आदिवासियों पर पुलिस दमन के खिलाफ लम्बी लडाई लड़ी। उन्होंने हाल ही में दिल्ली से मुम्बई तक साईकिल यात्रा कर गांव देहात में लोगों और आदिवासियों की परेशानियां सुनीं और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उनकी अगली साईकिल यात्रा 30 जनवरी से राजघाट दिल्ली से बुद्ध के समाधि स्थल कुशीनगर तक होगी। अपने उद्बोधन में कुमार ने कहा कि देश में पूंजीवादी व्यवस्था न केवल मजदूरों का शोषण कर रही है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और सार्वजनिक संपत्तियों को भी लूट रही है। वर्तमान में केंद्र की सरकार ने तो देश की आम जनता के खिलाफ पूंजीपतियों के हित में मानो युद्ध की ही घोषणा कर दी है। किसान विरोधी तीन कृषि कानून, मजदूर विरोधी 4 श्रम कोड, छात्र विरोधी नई शिक्षा नीति, सार्वजनिक क्षेत्रों की कम्पनियों का धड़ल्ले से निजीकरण, अल्पसंख्यक विरोधी कानून, यूएपीए में संशोधन, समस्त प्रकृतिक संसाधनों की लूट के लिए लाखों जनता का विस्थापन, जनता की आवाज उठाने वालों के उपर फर्जी मुकदमा व गिरफ्तारी, दलित, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों पर हथियारबंद गिरोहों द्वारा जुल्म अत्याचार आदि जनता के खिलाफ युद्ध की घोषणा ही तो है। इसीलिए सरकार के इन जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को अब सड़क पर मोर्चा खोलना होगा। उन्होंने बताया कि गांधी और भगत सिंह दोनों ही इस अंग्रेजी विकास के मॉडल के विरोधी थे। इससे केवल ताक़तवर लोगों का ही विकास होता है। गांधी ने उस दौर में ही कह दिया था कि पूंजीपतियों का अगला निशाना गांव और कृषि पर होगा। जनता सरकार के इन मंसूबों को समझ न सके, इसलिए उसे धर्म, जाति और लिंग के आधार पर बांटने का काम किया जा रहा है।

 

गांधी के खिलाफ नफरत झूठ के आधार पर

 

उन्होंने बताया कि गांधी को बदनाम करने के लिए सरासर झूठ का सहारा लिया जा रहा है। हम गांधी को प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करके ही समझ सकते हैं। देश के विभाजन के लिए गांधी को जिम्मेदार बताया जाता है, जबकि गांधी तो देश को एक सूत्र में ही पिरोना चाहते थे। साम्प्रदायिकता के शोरगुल में उनके विवेक और शांति की आवाज़ हमेश के लिए खो गई। परिचर्चा का संचालन प्रो. संजय चावला ने किया।

 

परिचर्चा में ये रहे शामिल

 

परिचर्चा में रजिया बानो, रुपेश चड्डा, अब्दुल हमीद गौड़, विजय पालीवाल, नारायण शर्मा, शब्बीर अहमद, रेखा, रामकैलाश मेघवाल सहित सर्वोदय किसान मंडल, सर्वोदय महिला मंडल, सर्वोदय श्रमिक मंडल, सर्वोदय युवा मंडल के लोक सेवक एवं सर्वोदय कार्यकर्ता सहित कोटा शहर के प्रबुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।

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